एलन मस्क के ट्वीट का असर, तेलंगाना के बाद इन दो राज्यों ने टेस्ला को दिया ईवी कार प्लांट लगाने का ऑफर
एलन मस्क के ट्वीट करने के बाद अब तक भारत के तीन राज्यों से टेस्ला को अपनी फैक्ट्री लगाने का ऑफर मिल चुका है। तेलंगाना के बाद अब महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल ने टेस्ला को इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण प्लांट स्थापित करने में रुचि दिखाई है।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। तेलंगाना के बाद अब महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को अपने राज्य में इलेक्ट्रिक कार मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है। महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने रविवार को ट्विटर पर लिखा कि उनका राज्य भारत में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण के लिए टेस्ला का विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने का स्थान हो सकता है। वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने भी टेस्ला को राज्य में अपना कार प्लांट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है। पश्चिम बंगाल के मंत्री मोहम्मद गुलाम रब्बानी ने शनिवार को एलन मस्क के उस ट्वीट का जवाब दिया, जिसमें टेस्ला के सीईओ ने लिखा था कि उनकी कंपनी अभी भी देश में परिचालन शुरू करने में भारत सरकार के साथ कई चुनौतियों का सामना कर रही है।
ऐसे में अब तक तेलंगाना पहला और उसके बाद महाराष्ट्र, इसके बाद तीसरे राज्य यानी की पश्चिम बंगाल ने एलन मस्क की दिग्गज कंपनी टेस्ला को भारत में इलेक्ट्रिक कार मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए खुला ऑफर दिया है।
'भारतीय आयात शुल्क दुनिया में सबसे ज्यादा'
आपको बता दें कि एलन मस्क काफी समय से भारत में विनिर्माण और व्यवसाय संचालन शुरू करना चाह रहे हैं। मस्क भारत सरकार पर बहुत समय पहले से दबाव बना रहे हैं कि उनकी कारों पर लगने वाले टैक्स में कुछ छूट दी जाए। वहीं सरकार ने टैक्स छूट में कोई भी रियायत करने से साफ इंकार कर दिया है। एलन मस्क ने पिछले साल अगस्त में यह कहते हुए चिंता जताई थी कि भारतीय आयात शुल्क दुनिया में किसी भी बड़े देश के मुकाबले सबसे अधिक है, जो ओईएम की योजना को प्रभावित कर रहा है और इसी कारण भारत में व्यवसाय शुरू करने में इतनी समस्याएं आ रही हैं।
Tesla की कारों पर 100 प्रतिशत का टैक्स
टेस्ला इसी साल भारत में इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक कार को बेचने की योजना बना रही है, लेकिन उसका कहना है कि भारत में टैक्स की दर दुनिया में सबसे अधिक है।टेस्ला चाहती है कि भारत में सरकार आयात शुल्क में कमी करे। मस्क का कहना है कि टेस्ला भारत में फैक्टरी खोल सकती है, लेकिन यह देश में उसकी इम्पोर्टेड कारों की सफलता पर निर्भर करेगा। भारत में अभी आयातित कारों पर 60-100 फीसदी तक टैक्स लगता है। 40,000 डॉलर के अधिक मूल्य वाली कारों पर यह 100 फीसदी और इससे सस्ती कारों पर 60 फीसदी है।
सरकार का क्या है कहना?
वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना है कि किसी वाहन निर्माता कंपनी को इस तरह आयात पर टैक्स की छ्रट नहीं दी सकती है। टेस्ला को टैक्स लाभ देने से भारत में निवेश करने वाली अन्य कंपनियों को अच्छा संदेश नहीं जाएगा। सरकार ने हाल ही में यह भी साफ कर दिया कि Tesla Inc भारत आकर स्थानीय निर्माण इकाई शुरू करे और टैक्स छूट का फायदा उठाए। सरकार का कहना है कि टेस्ला इसमें समय ले रही है, क्योंकि आयात करके बेचने पर टेस्ला की कारें महंगी होंगी।