बहुत काम के होते हैं ये फीचर्स, आपकी कार में इनका होना है जरूरी
ये फीचर्स काफी काम के हैं। हर कार में इन फीचर्स का होना जरूरी है।
नई दिल्ली (ऑटो डेस्क)। अपने लिए कार खरीदना बहुत लोगों का सपना होता है। कुछ लोग कार खरीदते समय केवल परफॉर्मेंस और उसकी स्पीड पर ध्यान देते हैं, लेकिन कार में बाकी फीचर होना भी बहुत जरूरी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपकी कार में कौन-कौन से फीचर्स का होना जरूरी है।
ड्यूल फ्रंट एयरबैग
कई लोग कार खरीदते समय सिर्फ स्पीड को ध्यान में रखते हैं। लोग ज्यादा हॉर्स पावर वाली कारें खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। स्पीड के साथ कार में सुरक्षा का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि जो कार आप लेने जा रहे हैं उसमें डुअल फ्रंट एयर बैग हों। एयरबैग हादसे के वक्त ड्राइवर और साथ बैठे पैसेंजर की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी होते हैं।
एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम
आजकल सड़कों की हालत पहले से बेहतर हो गई हैं। ऐसे में लोग तेज स्पीड से कार दौड़ाते हैं। तेज स्पीड वाली कार को कंट्रोल करने के लिए कार में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) होना बहुत जरूरी है। इस सिस्टम में अचानक ब्रेक लगाने पर ब्रेक्स पर प्रेशर बनता है और गाड़ी के टायर उसी जगह लॉक हो जाते हैं। इससे गाड़ी एकदम से रुक जाती है और स्किड नहीं होती। सेफ्टी के लिए यह एक जरूरी फीचर है।
ISOFIX Mounts
अगर आपके साथ कोई बच्चा ट्रैवल करता है तो यह फीचर बहुत जरूरी है। यह कार की पिछली सीट पर लगा होता है जिसमें आप बच्चे को बैठा सकते हैं। सुरक्षा के लिहाज से बच्चों को फ्रंट सीट पर नहीं बैठाने की सलाह दी जाती है। ISOFIX Mounts में बैठा बच्चा हादसे के वक्त सुरक्षित रहता है। स्विफ्ट और इग्निस जैसी किफायती कारों में यह फीचर मिलता है।
रियर डिफोगर
कार की रियर विंडशील्ड पर जमी ओस को हटाने के लिए रियर डिफोगर की जरूरत पड़ती है। ओस की वजह से पीछे का व्यू ब्लॉक हो जाता है और ड्राइवर को पीछे चल रही गाड़ियां नजर नहीं आती। इस वजह से हादसे होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए गाड़ी में रियर डिफोगर होना बहुत जरूरी है।
रियर पार्किंग सेंसर
कार को पार्क या रिवर्स करते समय कई बार पीछे रखी चीजें दिखाई नहीं देती है। इससे कार को नुकसान होने का खतरा बना रहता है। इसलिए जरूरी है कि कार में रियर पार्किंग सेंसर हो। इसे कार में लगवाने का खर्च लगभग 2 हजार रुपये आता है।
इनसाइड रियर व्यू मिरर
यह मिरर रात में ड्राइविंग करते समय ड्राइवर के काफी काम आता है। प्लेन मिरर में पीछे से आ रही गाड़ियों की लाइट का रिफ्लेक्शन बहुत ज्यादा होता है, जिससे ड्राइवर को परेशानी होती है। IRVM में यह रिफ्लेक्शन कम हो जाता है। कई हाई बजट कारों में इस मिरर में रिवर्स गियर लगाते ही पीछे का व्यू नजर आने लगता है। जिन कारों में यह फीचर नहीं होता है वो किसी भी सर्विस सेंटर से यह लगवा सकते हैं। इसकी लागत लगभग एक हजार रुपये आती है।
इलेक्ट्रिकली एडजस्टेबल आउटसाइट रियर व्यू मिरर (ORVM)
कई बार ड्राइव करते समय आउटसाइट रियर व्यू मिरर हिल जाते हैं। ड्राइविंग सीट से पैसेंजर सीट का मिरर सेट करने में दिक्कत होती है। इसलिए इलेक्ट्रिकली एडजस्टेबल आउटसाइट रियर व्यू मिरर का होना जरूरी है। अगर आपकी कार में यह फीचर नहीं है तो आप इसे किसी भी डीलर या सर्विस सेंटर से लगवा सकते हैं। इसकी लागत लगभग 1500 रुपये आती है।
सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम
इस सिस्टम की वजह से कार को कुछ मीटर की दूरी से लॉक-अनलॉक किया जा सकता है। साथ ही अगर कोई दूसरा कार को अनलॉक करने की कोशिश करता है तो यह अलार्म बजाकर अलर्ट कर देता है। हालांकि इसके कुछ साइड-इफेक्ट भी हैं। बारिश के मौसम में इसके खराब होने की शिकायतें आती रहती हैं।
पावर विंडो
आजकल कारों में पावर विंडो का चलन बढ़ गया है। इसमें ड्राइविंग सीट से ही सारी विंडो की कंट्रोल किया जा सकता है। कई कंपनियां अपनी महंगी गाड़ियों में यह सिस्टम फिट करके देती है। अलग से भी यह सिस्टम कार में लगवाया जा सकता है।