पुरानी कार खरीदते समय इन बातों पर भी जरूर गौर कर लें
अगर आप एक पुरानी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो यहां हम आपको कुछ आसन टिप्स बता रहे हैं जिससे आपको कार खरीदने में आसानी होगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। आजकल कार बाजार में हर साल दर्जनों मॉडल्स लॉन्च होते हैं। 2-3 साल इस्तेमाल करने के बाद कार पुरानी लगने लगती है, फिर हम नई कार खरीदने की सोचते हैं और इसलिए सेकेंड हैंड कारों का बाजार नई कारों से बड़ा होता जा रहा है। ऐसे में ग्राहकों के पास कई ऑप्शन मौजूद हैं अगर आप एक पुरानी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो यहां हम आपको कुछ आसान टिप्स बता रहे हैं जिससे आपको कार खरीदने में आसानी होगी।
रिसर्च करें
सबसे पहले तो आपको अपना बजट और कार मॉडल सेलेक्ट करना है। उसके बाद उस बजट में जो कार आप खरीदने जा रहे हैं उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां इकट्ठा करें। इसके लिए आप मैग्जीन, वेबसाइट, न्यूज पेपर्स देख सकते हैं, साथ ही उसकी कीमत भी एक बार चैक कर लें, कि वर्तमान में उस मॉडल की कीमत क्या चल रही है, इसके अलावा उस मॉडल के यूजर्स रिव्यू भी आपको काफी मदद करेंगे। इसके अलावा कोशिश करें कि एक मॉडल ऑप्शन के रूप में भी साथ लेकर चलें।
इंश्योरेंस
जिस कार को आप खरीद रहे हैं उसका इंश्योरेंस है या नहीं, यह भी जान लेना बेहद जरूरी है। साथ ही प्रीमियम सही टाइम पर भरा गया है या नहीं इस बात की भी पुष्टि करें। इसके अलावा इंश्योरेंस पेपर्स आपके नाम से ट्रांसफर हो जाए। इस बात पर भी गौर करें। साथ ही रोड टैक्स के पेपर्स चेक करें और ओरिजिनल इनवॉयस की भी मांग करें।
कार की बॉडी
कार खरीदने से पहले आप को उसकी बॉडी जांच लेनी चाहिये। कार के अंदर की बॉडी भी आप को मैट उठा कर देख लेनी चाहिये। कार की कंडीशन हमेशा नीचे की बॉडी से पता चलती है। अगर कार अच्छी कंडीशन में है तो कार में नीचे की बॉडी जंग रहित होगी। ऐसे में आप उस कार को खरीदने की ओर कदम बड़ा सकते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
कार खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आप जिस कार को खरीदने जा रहे हैं उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो और वो किसी भी आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल न की गई हो। जिस कार को खरीदने जा रहे हैं वो कहीं चोरी की तो नहीं है। कार कितनी बार दुर्घटना का शिकार हुई है इन बातों की भी जानाकरी होनी चाहिये।
कार को जांचें परखें
कार की हैडलाइट की स्थिति की परख कर सकते हैं। कार की स्टैयरिंग की जांच कर सकते हैं। आप कार के इंटीरियर को भी आसानी से परख सकते हैं। कार की चेचिस की जांच आप खुद ही कर सकते हैं। कार के आगे रेडिएटर का ऊपरी हिस्सा अगर टूटा फूटा है तो आपके लिए कार खरीदना लाभकारी नहीं होगा। कार के इंजन की जांच करना भी आप के लिये बेहद जरूरी है। बोनट के नीचे गाड़ी की मैन्युफैक्चर डेट लिखी होती है इसलिए इसे भी जरूर देख लें। साथ ही रजिस्ट्रेशन कम टैक्स सर्टिफिकेट (RCTC) पर लिखी मैन्युफैक्चर डेट से इसका मिलान भी जरूर करें।
कार में हों ये चीजें
कुछ लोग कार के माइलेज पर ज्यादा ध्यान देते हैं तो कुछ लोग कार की क्षमता और कार के इंटीरियर को अहमियत देते हैं। ऐसे में आपको कार के हर एक पहलू को परखना चाहिए। अगर आपको एक भरोसेमंद गाड़ी चाहिये तो आपको इस स्थिति में अपना बजट थोड़ा बढ़ाने में भी बचना नहीं चाहिए। आप कार खरीदने से पहले चला कर भी जरूर देखें।
नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
जिस व्यक्ति से आप पुरानी कार खरीद रहे हैं उसने अगर बैंक से लोन लेकर कार खरीदी थी, तो आपको उस व्यक्ति ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ लेना जरूरी है। यह सर्टिफिकेट इस बात का प्रमाण है कि कार खरीदने के लिए दी गई सारी रकम फाइनेंस कंपनी को वापस कर दी गई है। आपको फॉर्म 35 की एक कॉपी भी जरूर साथ रखें।
नई कारों से काफी बड़ा है सेकंड हैंड कारों का बाजार
भारत में सेकंड हैंड कारों का मार्केट नई कारों से काफी बड़ा है और यहां पर हर महीने करीब 2.50 से 3 लाख कारों को एक्सचेंज किया जाता है। जो लोग नई कार खरीदने में सक्षम नहीं होते हैं उन्हें सेकंड हैंड कार मार्केट ही लुभाता है। आपको बता दें कि इस समय देश में True वैल्यू , महिंद्रा फर्स्ट च्वाइस, कार नेशन, आदि बड़ी कंपनियां यह सर्विस मुहैया कराती हैं।