इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना फायदे का सौदा या नुकसान? 5 प्वाइंट्स में समझें
Pros or cons of buying an electric vehicle ईवी में बैटरी पैक और मोटर लगे हुए होते हैं। साल भर की मेंटेनेंस कॉस्ट ईंधन से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में ईवी की कई गुना कम होती हैं।
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। जब से फेस्टिव सीजन सीजन शुरू हुआ है तब से ईवी सेल्स की बिक्री पहले की तुलना में अच्छी-खासी बढ़ गई है, मतलब ये कि लोग अब इलेक्ट्रिक स्कूटर, बाइक और कार को अपनाने लगे हैं। हालांकि, बहुत से लोगों में अभी भी इनको लेकर काफी संदेह है, इसलिए इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना कितना फायदे का सौदा हो सकता है।
रनिंग कॉस्ट होती है कम
इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदना का सबसा बड़ा उद्देश्य रनिंग कॉस्ट को कम करने का होता है। अगर पेट्रोल गाड़ी पर किलोमीटर 2-3 रुपये लेती है तो इलेक्ट्रिक व्हीकल को आप 20-25 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से चला सकते हैं। ईवी की स्पीड भी अच्छी होती है, जिससे आप एक अच्छी राइड का आनंद ले सकते हैं।
कम मेंटेनेंस कॉस्ट
इलेक्ट्रिक वाहनों की रखरखाव लागत बहुत कम होती है क्योंकि इसमें इंजन की जगह मोटर लगे हुए होते हैं, जिनको सर्विसिंग की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसमें बैटरी पैक और मोटर लगे हुए होते हैं। साल भर की मेंटेनेंस कॉस्ट ईंधन से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में ईवी की कई गुना कम होती हैं।
सरकार द्वारा मिलती है कई छूट
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स पेट्रोल या डीजल वाहनों से कम है। आप किस राज्य में हैं, इसके आधार पर सरकार द्वारा कई नीतियां और प्रोत्साहन दिए जाते हैं। फेम 2 स्कीम की तहत सरकार एक व्हीकल पर कई हजार रुपये तक की सब्सिडी देती है।
ईवी के नुकसान
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्टर- वर्तमान में ईवी चार्जिंग प्वाइंट तेजी से लग रहे हैं। हालांकि, ईवी यूजर्स को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कीमत- ईंधन से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में ईवी की कीमतें अधिक हैं, यही वजह है कि इनकी सेल्स भी उतनी खास नहीं है, लेकिन पिछले कुछ महीनों का रिकॉर्ड देखा जाए तो ईवी को लोग अपनाने लगे हैं।