Car Guide: घर हो या गाड़ी, मजबूत ढांचे के लिए जरूरी हैं पिलर्स, A-B-C-D का है पूरा खेल
Car Guide किसी भी कार के फीचर्स की बात आती है तो आपने इसमें मिलने वाले पिलर्स के बारे में जरूर सुना होगा। किसी कार में इसे नॉर्मल दिया जाता है तो किसी में यह ब्लैक आउट पिलर्स के रूप में रहते हैं। (जागरण फोटो)
नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। Car Pillars: जिस तरह एक घर को बनाने के लिए उसकी संरचना में पिलर्स का होना जरूरी है। उसी तरह कार में भी पिलर्स को रखा जाता है। ये पिलर्स कार की पूरी बॉडी को संभाले रहते हैं और मुख्य रूप से इनका काम कार की छत को संभालना होता है। किसी भी गाड़ी में A, B, C और D जैसे चार पिलर्स होते हैं, जिसमें से A और D पिलर्स आगे और पीछे की ओर झुके होते हैं। तो चलिए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
A पिलर
कार के सबसे आगे के पिलर को A पिलर कहते हैं। यह विंडशील्ड के भार को संभालता है और इसी वजह से इसके डिजाइन को थोड़ा झुका हुआ बनाया जाता है। सबसे आगे होने की वजह से इसे मजबूत स्टील अलॉय स्टील से बनाया जाता है और यह एक दुर्घटना का सामना करने और सुरक्षा मानकों को पूरा करने में इसका मुख्य योगदान है। साथ ही ड्राइवर को गाड़ी चलते समय इसके होने वाले अवरुद्ध के कारण ब्लाइंड स्पॉट का सामना न करना पड़े, इस कारण इसे पतला बनाया जाता है।
B पिलर
B पिलर पैसेंजर सीट के पास होता है और इसे सामने के दरवाजे के ठीक पीछे देखा जा सकता है। बी पिलर एक जटिल संरचना होती है, क्योंकि सामने का दरवाजा बी खंभे पर बंद होता है, जबकि पिछला दरवाजा उस पर टिका होता है। साथ ही यह कार के छत को भी सहारा देता है।
C पिलर
सी पिलर रियर पैसेंजर सीट के पीछे होता है, जबकि सेडान और हैचबैक कारों में यह आखिरी पिलर के रूप में काम करता है। सेडान और हैचबैक कारों में इसका काम पीछे की संरचना को सहारा देना है, जबकि SUV या MPV जैसे गाड़ियों में यह छत को सहारा देता है।
D पिलर
डी पिलर को बैक रूफ पिलर भी कहते हैं। यह रियर विंडो को सपोर्ट करता है। एसयूवी या बड़ी गाड़ियों में इस पिलर को देखा जाता है। साथ ही यह केवल उन गाड़ियों में दिखाई देता है जिनमें बैठने के लिए तीसरी लाइन होती है। एसयूवी में इसका काम ठीक उसी तरह है, जो सी पिलर सेडान, हैचबैक और छोटी कारों के लिए करता है।
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