आपकी हल्की-सी चूक के कारण धू-धूकर जल उठेगी कार, रखें इन बातों का ख्याल
पेट्रोल और डीजल की कार में आग लगने के दो बड़े कारण होते हैं। खासतौर से तो गर्मी में इस समय आपको अपनी कार का अधिक ख्याल रखना चहिए वरना बाद में आपको कई बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली,ऑटो डेस्क। भारतीय बाजार में एलपीजी और सीएनजी कार के आलावा पेट्रोल और डीजल वाली कारों में भी आग लगने की खबर आती है। आज के समय में ये काफी आम हो गई है और आजकल गर्मी में तो खासतौर से अचानक कार में आग लगने की खबर सामने आ जाती है। अगर आप भी एक कार के मालिक है तो आपको कई बातों का ख्याल रखना चाहिए वरना बाद में आपको कई परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कैसे लगती है कार में आग
आपको बता दें, पेट्रोल और डीजल की कार में आग लगने के दो बड़े कारण होते हैं। इसका पहला कारण वायरिंग है और दूसरा बड़ा कारण फ्यूल की लीक होना। फ्यूल के लीक करने वाले मामले काफी कम सामने आते हैं। ये अधिकतर पुरानी कारों में सामने आता है। वहीं फ्यूल अधिक इंजेक्टर से लीक होता है। इसलिए आप जब भी कार की सर्विस कराने जाते हैं तो जरुर कार के इंजेक्टर को चेक करें।
कार में आग लगने का दूसरा सबसे बड़ा कारण
कार में आग लगने का दूसरा सबसे बड़ा कारण ये है कि कार में होने वाले किसी भी तरह का शॉर्ट सर्किट खतरनाक होता है और इसके कारण आग का खतरा अधिक बन जाता है। अधिकतर बार आग शॉर्ट सर्किट वायरिंग के साथ छेड़छाड़ करने पर होता है। जब भी हम कार में किसी भी तरह की इलेक्ट्रिक एक्सेसरीज लगाते हैं तो वो कार की वायरिंग को काट कर कनेक्शन करते हैं। गर्मी के मौसम में वायर अधिक गर्म होते हैं। ये अधिक गर्म इसलिए होते हैं क्योकि इनके कनेक्शन कप्लर से नहीं जुड़े होते हैं। ये खुलने लगते हैं और इसी के कारण शॉर्ट होता है। यही वजह आग का कारण बनती है।
ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर से ही कार सर्विस कराएं
अगर आप अपनी कार को साफ रखना चाहते हैं तो कभी भी किसी दुकान से एक्सेस नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से कार की वारंटी खत्म हो जाती है। अगर आप अपनी कार में कोई एक्सेसरी लगवाना भी चाहते हैं तो कंपनी के ऑथोराइज़्ड डीलर से ही लगवाएं। ऐसा करने से कार की वारंटी भी खत्म नहीं होती है और वो लोग वायरिंग से किसी भी तरह की छेड़छाड़ भी नहीं करते हैं।