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बार-बार टायर के पंक्चर होने से हैं परेशान तो अपनाए ये तरीके

टू-व्हीलर हो या फोर व्हीलर सभी में अच्छी क्वालिटी वाले टायर्स का होना बेहद जरूरी है। क्योकिं इसका असर ड्राइविंग, हैंडलिंग और गाड़ी की परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है। कुछ लोग गाड़ी के टायर पर ध्यान नहीं देते

By Bani KalraEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 05:32 PM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 05:32 PM (IST)
बार-बार टायर के पंक्चर होने से हैं परेशान तो अपनाए ये तरीके
बार-बार टायर के पंक्चर होने से हैं परेशान तो अपनाए ये तरीके

नई दिल्ली (बनी कालरा) टू-व्हीलर हो या फोर व्हीलर सभी में अच्छी क्वालिटी वाले टायर्स का होना बेहद जरूरी है। क्योकिं इसका असर ड्राइविंग, हैंडलिंग और गाड़ी की परफॉर्मेंस पर भी पड़ता है। कुछ लोग गाड़ी के टायर पर ध्यान नहीं देते जिसकी वजह से दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। ट्यूब वाले टायर आज भी उपलब्ध है। लेकिन उनमे एक समस्या यह है कि अगर टायर पंक्चर हो जाए तो परेशानी हो जाती है। क्योकिं अचानक टायर के पंक्चर होने की स्तिथि में गाड़ी का बैलेंस बिगड़ सकता है और गंभीर चोट भी लग सकती है।

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ऐसे में ट्यूबलेस टायर्स काफी ज्यादा सेफ रहते हैं और पंक्चर होने पर भी गाड़ी का संतुलन नहीं बिगड़ता। पंक्चर होने पर भी टायर्स की हवा नहीं निकलती और गाड़ी कुछ किलोमीटर तक चल जाती है। आइए, जानते हैं ट्यूबलेस टायर के फायदे

बेहतर परफॉरमेंस के साथ ज्यादा माइलेज
ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ट्यूबलेस टायर हल्का होता है। जिससे गाड़ी की माइलेज अच्छी रहती है। दूसरी बात यह है कि ट्यूबलेस टायर्स जल्दी गर्म भी नहीं होते। बेहतर ड्राइविंग का एक्सपीरियंस भी मिलता है।

सुरक्षा के लिहाज से भरोसेमंद
ट्यूबलेस टायर ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ज्यादा भरोसेमंद भी हैं। ट्यूब वाले टायर में अलग से एक ट्यूब लगी होती है जो टायर को शेप देती है। ऐसे में अगर टायर पंक्चर हुआ तो गाड़ी का बैलेंस बिगड़ सकता है और दुर्घटना भी घट सकती है। ट्यूबलेस टायर में ट्यूब नहीं होती क्योकि टायर खुद ही रिम के चारों ओर एयरटाइट सील के साथ फिट हो जाता है लगा देता है जिससे टायर की हवा नहीं निकलती। और अगर टायर पंक्चर हो भी जाए तो हवा बहुत धीरे धीरे निकलती है ऐसे में गाड़ी को एक सही जगह पर रोकने के लिए आपको थोड़ा टाइम मिल जाता है।

पंक्चर लगाने में नहीं आती दिक्कत
ट्यूबलेस टायर्स में पंक्चर लगाने में कोई दिक्कत नहीं आती। पंक्चर वाली जगह पर स्ट्रिप लगाई जाती है और फिर रबर सीमेंट की मदद से उस जगह को भर दिया जाता है। आप खुद भी पंचर लगा सकते हैं क्योकिं यह बहुत आसान हैं। ट्यूबलेस टायर को रिपेयर करने के लिए शॉप और किट आसानी से मिल जाती हैं। ट्यूबलेस टायर की लाइफ ज्यादा होती है ट्यूब वाले टायर के मुकाबले यह ज्यादा टिकाऊ होते हैं।

क्या करें क्या न करें

  • जब भी गाडी चलायें तो कोशिश कीजिये खराब रास्तों पर जाने से बचें और गाड़ी को साफ-सुथरी जगह पर ही पार्क करें।  
  • हमेशा ओरिजिनल और उन्हीं टायर्स को खरीदें जो आपकी गाड़ी के लिए बने हैं अक्सर देखने में आता है की लोग बड़े और चौड़े टायर्स का इस्तेमाल करते है जोकि सही नहीं होता ।
  •  टायर्स में हमेशा सही एयर प्रेशर रखें।

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