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मंगल दोष से निजात पाने के लिए करें ये आसान उपाय, हर परेशानी से मिलेगी राहत

Updated: Thu, 25 Sep 2025 09:00 PM (IST)

सनातन धर्म में मंगलवार का दिन (Mangal Dosh Upay) हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन हनुमान जी संग मंगल देव की पूजा की जाती है। ऊर्जा के कारक मंगल मकर राशि के जातकों को शुभ फल देते हैं। मंगलवार के दिन लाल रंग की चीजों का दान करने से मंगल देव प्रसन्न होते हैं।

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Mangal Dosh Upay: कौन हैं मंगल देव और कैसे करें ऊर्जा के कारक को प्रसन्न?

एस्ट्रोपत्री। मंगल देव साहस, ताकत और ऊर्जा के देवता हैं। जब कुंडली में मंगल कमजोर या अशुभ हो जाता है, तो यह गुस्सा, झगड़े, चोट या कठिनाइयों का कारण बन सकता है। ऐसे में मंगल देव को शांत करने के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं।

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इस लेख में बताया गया है कि मंगल देव कैसे हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं और अगर उनकी स्थिति ठीक न हो तो क्या समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही इसमें दिए गए हैं आसान और असरदार उपाय जैसे हनुमान जी की पूजा, दान-पुण्य, हवन, मंत्र जाप और मूंगा रत्न पहनना।

अगर इन उपायों को सच्चे मन और सही तरीके से किया जाए, तो मंगल देव प्रसन्न होकर जीवन में ताकत, सफलता और शांति देते हैं।

कौन हैं मंगल देव?

मंगल देव मेष और वृश्चिक राशियों के स्वामी हैं और यह एक पुरुष ग्रह हैं। मंगल देव अग्नि तत्व के अधिपति हैं और ऊर्जा, जीवटता, शक्ति, साहस, उत्साह और पहल का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह शरीर में रक्त और पाचन तंत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह हमारे गुस्से को नियंत्रित करते हैं और हमारे स्वभाव में हिंसक प्रवृत्ति का भी संकेत देते हैं। यह खेल और एथलेटिक्स के कारक भी हैं।

यह सैन्य पेशे या कानून प्रवर्तन के भी अधिपति भी हैं। यह हमारे तर्क करने की क्षमता के साथ-साथ तीव्र औजारों को भी नियंत्रित करते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि शक्तिशाली मंगल देव अनेक सर्जनों की कुंडली में प्रमुख रूप से उपस्थित रहते हैं।

मंगल देव के हल्के कष्टों के लिए उपाय:-

  • हनुमान जी की उपासना करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • जातक को अपने भाई-बहनों और मित्रों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए।
  • जातक को सोना, चांदी और तांबा तीनों को समान मात्रा में मिलाकर बनी अंगूठी को अनामिका में पहनना चाहिए।
  • जातक को विकलांग लोगों को मिठाई दान करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
  • जातक को चांदी धारण करनी चाहिए। जैसे चांदी की चेन।
  • महिलाओं को पैरों में पायल पहनने से लाभ होता है।
  • जातक को देशी घी का हलवा बनाकर हर मंगलवार को स्वयं खाना और दूसरों को बाँटना चाहिए।
  • दूध में शहद मिलाकर पीने से मंगल मजबूत होता है।
  • जातक को कुत्तों और कौवों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए।
  • यदि किसी विद्युत उपकरण में समस्या हो तो उसे तुरंत ठीक कराना या घर से हटा देना चाहिए।

मंगल देव के गंभीर दोषों के लिए उपाय- (Mangal Dosh Upay)

  • मंगल देव की मूर्ति तस्वीर (Mangal dosh upay) लाल चंदन से बनवाएं। उन्हें लाल रंग की माला और लाल वस्त्र धारण किए हुए, चार हाथों में तलवार, कुल्हाड़ी और गदा लिए हुए, एक हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में और चार पैरों वाले मेष (भेड़) पर सवार रूप में ध्यान करें।
  • मंगल देव की पूजा उन्हीं के रंग के फूलों, वस्त्रों, सुगंध, अगरबत्ती, दीपक, धूप, गुग्गुल आदि से करें। मंगल देव जिस धातु की मूर्ति में हों और जो भोजन उन्हें प्रिय हो, वह श्रद्धा से दान करें।
  • महर्षि पराशर के अनुसार, मंगल देव के मंत्र का 10,000 बार जाप करना चाहिए।
  • मंगल के हवन के लिए खैरा लकड़ी का उपयोग किया जाना चाहिए। हवन सामग्री में शहद, घी, दही या दूध मिलाकर उसे पवित्र अग्नि में आहुति के रूप में अर्पित करें, और मंत्रों का 108 या 28 बार जाप करते हुए हवन करें।
  • इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। मंगल दोष के निवारण के लिए हविष्य (खिचड़ी) अनिवार्य है। पूजा के बाद यजमान की श्रद्धा और ब्राह्मणों की संतुष्टि के अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए।

मंत्र जाप:

मंत्र:

  • ॐ भौमाय नमः
  • बीज मंत्र:
  • ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

इनमें से कोई भी मंत्र नियमित रूप से 108 बार जाप करें।

रत्न उपाय (Gemstone Remedy)

  • मूंगा (Red Coral): मूंगा मंगल देव का रत्न है।
  • रत्न धारण करने से पहले निम्न बिंदुओं का ध्यान रखना आवश्यक है:-
  • अंगूठी बनाने के लिए सोने की धातु का उपयोग करें।
  • इसे पहली बार मंगलवार के दिन धारण करें, विशेष रूप से शुक्ल पक्ष के दौरान।
  • धारण करने का समय दोपहर 12:30 बजे के आसपास हो।
  • मूंगा बाएं हाथ की अनामिका (छोटी उंगली के बाद वाली अंगुली) में पहनें। इसे दाएं हाथ की अनामिका में भी पहना जा सकता है।

मंत्र:

  • ॐ भौमाय नमः
  • बीज मंत्र:
  • ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

रत्न पहनने से पहले इनमें से किसी एक मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।

यह लेख Astropatri.com के सौजन्य से प्रस्तुत है. सुझाव व प्रतिक्रियाओं के लिए hello@astropatri.com पर ईमेल करें।