Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ratna Astrology: जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं ये 2 रत्न, बस जान लें धारण करने के नियम

    रत्नों से जुड़े शास्त्र को रत्न शास्त्र कहा जाता है यह ज्योतिष शास्त्र का ही हिस्सा माना गया है। इसके अनुसार यदि रत्नों को सही विधि से धारण किया जाए तो यह व्यक्ति के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं। साथ ही अगर आप इन रत्नों को ज्योतिष की सलाह पर धारण करते हैं तो इससे आपको जीवन की कई समस्याओं से निजात मिल सकती है।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 18 May 2024 06:49 PM (IST)
    Hero Image
    Ratna Astrology जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं ये रत्न।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Gem Astrology: रत्न शास्त्र में हर व्यक्ति के लिए उसकी कुंडली के आधार पर अलग-अलग रत्नों का निर्धारण किया गया है। इस प्रकार से रत्न धारण करने से साधक को जीवन की कई बड़ी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। तो चलिए जानते हैं कि कौन-से रत्न धारण करने से व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य जाग सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आत्मविश्वास में वृद्धि करता है ये रत्न

    फिरोजा (Turquoise Gemstone) रत्न एक आसमानी नीला या हरे नीले रंग का पत्थर होता है। यह सबसे प्राचीन रत्नों में से एक माना गया है। इसे माला व अंगूठी दोनों के रूप में धारण किया जाता है। माना जाता है कि इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को बुद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इससे आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है और करियर में भी तरक्की के योग बनते हैं।

    फिरोजा धारण करने के नियम

    फिरोजा रत्न को बृहस्पतिवार, गुरुवार या फिर शनिवार के दिन शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए। रत्न शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार, फिरोजा रत्न को चांदी या पंचधातु से बनी अंगूठी में धारण करना चाहिए। ये रत्न अधिकतम कला के क्षेत्र से जुड़े लोगों के द्वारा धारण करना बेहतर माना जाता है।

    गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है ये रत्न

    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुखराज गुरु (बृहस्पति) ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। यदि कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत हो तो व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत करने के लिए पुखराज रत्न धारण करना बेहतर माना जाता है।

    पुखराज धारण करने के नियम

    जब किसी जातक की कुंडली में गुरु 6, 8 और 12वें स्थान पर होता है तो पुखराज नहीं पहनना चाहिए। इससे व्यक्ति को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, कुंडली में धनु लग्न या मीन लग्न है तो पुखराज धारण किया जा सकता है। पुखराज रत्न को चांदी या सोने की धातु में लगाकर तर्जनी उंगली में पहनना चाहिए। इसे धारण करने के लिए गुरुवार का दिन सबसे बेहतर माना जाता है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।