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'SC-ST के अधिकार को कोई छीन नहीं सकता'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पुराने छात्रावासों के जीर्णोद्धार के साथ ही नए छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 02:21 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 07:24 AM (IST)
'SC-ST के अधिकार को कोई छीन नहीं सकता'
'SC-ST के अधिकार को कोई छीन नहीं सकता'

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज अधिवेशन भवन में मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के शुभारंभ के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं उद्योग विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि इस नई योजना का शुभारंभ इतने कम समय में कर दिया गया। दो महीने पूर्व इस योजना की रूपरेखा बनी और आज इसकी शुरुआत हुई।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन हजार आवेदन प्राप्त हुए, उसमें से 500 लोगों का चयन हुआ है, उन्हें प्रशिक्षित करना है। 135 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और 150 लोगों का प्रशिक्षण प्रारंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लाभार्थियों के लिए न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट है। मुझे खुशी है कि लाभार्थी की योग्यता की लिस्ट जो मैं देख रहा था, उसमें एम.एस.सी, बी.टेक, बी.एस.सी, ग्रेजुएट, आई.आई.टी जैसे डिग्रीधारियों का चयन हुआ है। ऐसे उद्यमी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को प्रेरित भी करेंगे। इसके साथ-साथ पहले से चली आ रही योजनाओं का लाभ भी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के समाज को मिलता रहेगा। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को 10 लाख रुपए की राशि मिलेगी, जिसमें से पांच लाख रुपये की राशि विशेष प्रोत्साहन योजनान्तर्गत अनुदान के रूप में उपलब्ध होगा और बाकी के पांच लाख रुपए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 84 किश्तों में अदा करना होगा। यह किश्त तब से शुरू होगी, जब उद्योग की शुरुआत हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक सकारात्मक अवधारणा नहीं होगी, तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता है। हम लोगों ने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया है। कमज़ोर वर्गों के प्रोत्साहन के लिए विशेष तौर पर काम किया है। महिलाओं को आगे लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, उसमें भी महादलितों के लिए विशेष तौर पर काम किया गया है। महादलितों के कौशल विकास के लिए काम किया गया। अब महादलितों के लिए मिलने वाली विशेष सुविधा सभी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के लोगों को भी मिलेगी। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति टोले में सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है। किसानों के लिए कृषि रोड मैप लाया गया। अपने राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्टमेंट पॉलिसी लागू किया गया है।

उन्होंने कहा कि समाज के सभी तबकों के लिए काम किया गया है और जो समाज की मुख्यधारा से पीछे छूट गए हैं, उन्हें जोड़ने के लिए विशेष तौर से काम किया जा रहा है। राज्य में 93 लाख महिलाएं 8 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जुड़कर अनेक क्षेत्रों के लिए काम कर रही हैं। 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य है। वर्ष 2015 में सात निश्चय योजना की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत विकास के कई काम किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी का लाभ सभी वर्गों को मिल रहा है, लेकिन इस व्यवसाय पर जो लोग निर्भर थे, उनके लिए सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था स्वयं सहायता समूह के माध्यम से की जा रही है ताकि ऐसे परिवारों में खुशहाली आये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पुराने छात्रावासों के जीर्णोद्धार के साथ ही नए छात्रावासों का निर्माण किया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए प्रतिमाह 1000 रुपये की छात्रवृत्ति और मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने की भी योजना है। कुछ लोग नकारात्मक बातें करते हैं और उन्हें ऐसी आदत होती है। मैं सकारात्मक ढंग से काम करने में विश्वास रखता हूं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकार को कोई छीन नहीं सकता है। इस धरती पर से आरक्षण कोई खत्म नहीं कर सकता है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार अध्यादेश लाने जा रही है, किसी को परेशान होने की ज़रुरत नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ़ बोलने से अधिकार नहीं मिलता है बल्कि उसके लिए हर ज़रूरी कदम उठाना पड़ता है और सकारात्मक पहल करनी पड़ती है। लोग पढ़ेंगे, तभी आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर को सत्ता ग्रहण करने के बाद जब सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि 12.50 प्रतिशत लोग स्कूल से बाहर हैं, उनमें से सबसे ज़्यादा अल्पसंख्यक और दलित समुदाय के बच्चे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय और अनुसूचित जातियों के बच्चों को साक्षर करने के लिए टोली सेवक एवं तालिमी मरकज बहाल किए गए। राज्य में शिक्षा की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए 22 से 23 लाख नए स्कूली कमरों का निर्माण भी कराया गया है और लाखों शिक्षकों का नियोजन कराया गया। सरकार और जनता के बीच इस योजना की शुरुआत हुई है। उद्योग विभाग से मैं कहना चाहता हूं कि लगातार आवेदन आते रहे, उनका चयन होता रहे और प्रशिक्षण की व्यवस्था भी बनी रहे। इस संबंध में अगर कहीं कोई परेशानी हो रही है तो उसके लिए प्रस्ताव लाइये। ऐसा तंत्र विकसित कीजिए, जिसमें इससे संबंधित कठिनाइयों का समाधान हो सके। मैं आप लाभार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं कि पूरी बुलंदी से आप लोग काम कीजिएगा और लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराइएगा।

मुख्यमंत्री का स्वागत उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री डॉ. एस सिद्धार्थ ने सिक्की कला पर आधारित पुष्प-गुच्छ भेंटकर किए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सांकेतिक रूप से चयनित लाभार्थियों – चांदनी कुमारी, दिनेश चौधरी, ममता पासवान, राजकुमार राम को चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों की सूची पर आधारित एक बुकलेट का विमोचन किया। कार्यक्रम को उद्योग मंत्री श्री जय कुमार सिंह, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, परिवहन मंत्री श्री संतोष कुमार निराला, कला संस्कृति मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री रमेश ऋषिदेव, विधायक श्री श्याम रजक, विधान पार्षद श्री अशोक चौधरी उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर विधायक श्री प्रभुनाथ राम, विधान पार्षद श्री दिलीप चौधरी, विधान पार्षद श्री रामचंद्र भारती, दलित इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष श्री दिनेश पासवान, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री विद्यानंद विकल, राज्य महादलित आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री हुलेस मांझी, बिहार राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लिमिटेड के अध्यक्ष जनाव नकीब अंसारी, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री के.पी.एस केशरी, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक श्री बी मुकुंद दास, विकास आयुक्त श्री शशि शेखर शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष वर्मा, बिहार महादलित विकास मिशन के कार्यपालक पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित उद्योग विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं अन्य लाभार्थी उपस्थित थे।


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