एक सैनिक की साहस और बलिदान की गाथा है 72 hours, होगी 18 जनवरी को रिलीज
72 hours: Martyr who never died साहस और बलिदान की ऐसी अभूतपूर्व कहानी है, जो राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की जिंदगी पर आधारित है।
72 hours: Martyr who never died साहस और बलिदान की ऐसी अभूतपूर्व कहानी है, जो राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की जिंदगी पर आधारित है। इस फिल्म को जेएसआर के प्रोडक्शन तले बनाया गया है जबकि अविनाश ध्यानी इस फिल्म के न केवल निर्देशक हैं बल्कि इसमें मुख्य भूमिका भी निभाई है। आइए जानते हैं कि फिल्म की शूटिंग के बारे में अविनाश ध्यानी क्या कहते हैं, “हमने इस फिल्म की शूटिंग बहुत ही कठिन परिस्थितियों में किया, जहां हमें मौसम की मार झेलनी पड़ी।
इस फिल्म को बनाने के लिए 750 क्रू मेंबर्स की सहायता ली गई और 7362 फीट पर इतने बड़े क्रू को मैनेज करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था। हर कोई हर किसी के काम कर रहा था। बर्फबारी की वजह से हमें शूटिंग को अचानक रोकना पड़ता था तथा हमारे पास कोई रास्ता नहीं था कि हम काम को शुरू कर सके। हालांकि हमने एक टीम की तरह इस फिल्म में काम किया।
इस दुर्गम जगह पर सीमित डेलाइट ने शूटिंग को और ही ज्यादा मुश्किल बना दिया। यह तो ऐसा था जैसे हम समय के विपरित शूटिंग कर रहे हों। मुझे बहुत खुशी है कि फिल्म को हमने अच्छी तरह से बनाया और उम्मीद करते हैं कि दर्शक भी हमारी कड़ी मेहनत को स्वीकार करेंगे, जो इस फिल्म में हमने लगाया है और जहां तक हो सके इसे रियल बनाने की पूरी कोशिश की। इस फिल्म पर तीन साल से काम किया जा रहा है और मुझे खुशी है कि आखिरकार यह 18 जनवरी, 2019 को पर्दे पर रिलीज होने जा रही है।“
आपको बता दें कि एक सैनिक के साहस और शौर्य को दिखाने वाली 72 Hours: Martyr Who Never Died फिल्म भारत-चीन युद्ध के समय की है, जहां जसवंत सिंह रावत ने अकेले 72 घंटों में दुश्मन सेना के 300 सैनिकों को ढेर कर दिया था।