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Maharashtra: सीमा विवाद पर कर्नाटक से सुप्रीम कोर्ट में भिड़ने की तैयारी कर रही शिंदे सरकार

शंभूराज देसाई ने कहा है कि हमारी सरकार महाराष्ट्र-कर्नाटक विवाद को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा सीमा क्षेत्र के पास रहते हैं उन सभी को पूरा अधिकार मिलेगा। बता दें कि कर्नाटक सीमा विवाद मामले में चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को नियुक्त किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaPublished: Wed, 23 Nov 2022 02:19 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 02:19 PM (IST)
Maharashtra: सीमा विवाद पर कर्नाटक से सुप्रीम कोर्ट में भिड़ने की तैयारी कर रही शिंदे सरकार
Maharashtra-कर्नाटक विवाद पर शंभूराज देसाई का बड़ा बयान

मुंबई, जागरण डिजिटल डेस्क : महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार कर्नाटक के साथ महाराष्ट्र के सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में भिड़ने की तैयारी कर रही है। इसके लिए उसने अपने दो वरिष्ठ मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल एवं शंभूराजे देसाई को कानूनी टीम से तालमेल की जिम्मेदारी सौंपी है।

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कन्नड भाषियों को पेंशन देने का भी निर्णय किया

इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि महाराष्ट्र के सांगली जिले की जट तहसील की कुछ ग्राम पंचायतों ने प्रस्ताव पास कर कर्नाटक में शामिल होने का फैसला किया है। क्योंकि क्षेत्र में सूखे के दिनों में कर्नाटक ने उन्हें पेयजल उपलब्ध कराया था। बोम्मई के अनुसार उनकी सरकार इन गांवों के जल संकट का समाधान करने के लिए गंभीर कदम उठा रही है। बोम्मई ने कहा है कि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र के कन्नड माध्यम स्कूलों को विशेष सहायता देने एवं उन कन्नड भाषियों को पेंशन देने का भी निर्णय किया है, जिन्होंने कर्नाटक में शामिल होने के लिए संघर्ष किया है।

गांवों द्वारा कर्नाटक में शामिल होने का प्रस्ताव पास करने की बात

लेकिन महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के जिन मंत्रियों को सीमा विवाद सुलझाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में कानूनी टीम से समायोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें से एक शंभूराजे देसाई ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। वह कुछ पुरानी मांगे ही दोहरा रहे हैं। वह जिन गांवों द्वारा कर्नाटक में शामिल होने का प्रस्ताव पास करने की बात कर रहे हैं, उसके कोई दस्तावेज सरकार के पास उपलब्ध नहीं है।

1960 के बाद से महाराष्ट्र का कर्नाटक से सीमा विवाद 

देसाई के अनुसार महाराष्ट्र सरकार जट तहसील के जल संकट वाले गांवों की समस्या दूर करने के लिए 1200 करोड़ रुपए की योजना भी पास कर चुकी है। इसका मतलब है कि इन गांवों को महाराष्ट्र से पानी अवश्य मिलेगा। बता दें कि 1960 में अपने स्थापनाकाल से ही महाराष्ट्र अपने पड़ोसी राज्य कर्नाटक के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है। कर्नाटक के बेलगाम (बेलागावी) जिले और 80 गांवों पर महाराष्ट्र अपना दावा करता रहा है।

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