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Gujarat Assembly Elections 2022: इस गांव में वोट ना देने पर 51 रुपये जुर्माना, चुनाव प्रचार पर है पूरी तरह रोक

गुजरात के राजकोट के गांव राज सामधियाला की है अजब रीत। भले ही इस गांव में नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक हो लेकिन गांव की कोशिश रहती है कि उनके यहां शत-प्रतिशत मतदान हो। पिछले आंकड़ों की बात करें तो गांव में 95 प्रतिशत से अधिक मतदान होता है।

By AgencyEdited By: Monika MinalPublished: Wed, 23 Nov 2022 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 06:22 PM (IST)
Gujarat Assembly Elections 2022: इस गांव में वोट ना देने पर 51 रुपये जुर्माना, चुनाव प्रचार पर है पूरी तरह रोक
वोट ना देने पर 51 रुपये जुर्माना, नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक

राजकोट, एजेंसी। Gujarat Vidhan Sabha Chunav 2022:  गुजरात के राजकोट जिले के एक गांव राज सामधियाला में चुनाव प्रचार के लिए किसी भी राजनीतिक पार्टी को गांव में आने की अनुमति नहीं है। साथ ही वोट ना देने वाले शख्स पर 51 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रविधान है। गांव के सरपंच ने कहा कि राजनीतिक दलों को प्रवेश ना देने का नियम 1983 से लागू है, लेकिन यहां वोट देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर 51 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।

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वोट नहीं डाला तो भरना होगा जुर्माना 

गांव के सरपंच के अनुसार इसको लेकर गांव में नोटिस बोर्ड लगे हैं जिन पर चुनाव में राजनीतिक दलों के नेताओं की गांव में नो इंट्री और वोट न देने  पर 51 रुपये जुर्माने को लेकर जानकारी चस्पा है। हर बार की तरह इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में भी ग्राम सरपंच ने आदेश दिया है कि सभी ग्रामीणों को वोट देना अनिवार्य है। अगर वोट नहीं डाला तो जुर्माना लगाया जाएगा।

गांव में नियमों का होता है सख्‍ती से पालन 

राज समाधियाला गांव के स्थानीय लोग ग्राम विकास समिति (वीडीसी) की ओर से बनाए गए नियमों का गांव के लोग सख्ती से पालन करते हैं। गांव के लिए बनाए गए नियमों में से एक चुनाव नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाता है। इनमें से किसी भी नियम को भी तोड़ने पर जुर्माना लगाया जाता है। राजकोट के राजसमाधियाला गांव के सख्त नियमों के चलते अक्सर यह गांव चर्चाओं में रहता है।

गांव के लोगों का मानना है कि चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के चुनाव प्रचार से गांव का वातावरण प्रदूषित होगा। गांव में गंदगी होगी और इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा। भले ही इस गांव में नेताओं के चुनाव प्रचार पर रोक हो लेकिन गांव की कोशिश रहती है कि उनके यहां शत-प्रतिशत मतदान हो। पिछले आंकड़ों की बात करें तो गांव में 95 प्रतिशत से अधिक मतदान होता है।

गुजरात के सात विधायक को पांच से अधिक बार मिल चुकी है जीत

गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार ऐसे कम से कम सात उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जो पांच या इससे अधिक बार विधायक रह चुके हैं। इनमें से सत्तारूढ़ भाजपा ने ऐसे पांच नेताओं को एक और कार्यकाल के लिए मैदान में उतारकर उन पर विश्वास जताया है, जबकि एक नेता टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा द्वारा मैदान में उतारे गए पांच उम्मीदवारों में योगेश पटेल (मांजलपुर सीट), पबुभा माणेक (द्वारका), केशु नकरानी (गरियाधर), पुरुषोत्तम सोलंकी (भावनगर ग्रामीण) और पंकज देसाई (नडियाद) शामिल हैं। उनके अलावा, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के संस्थापक छोटू वसावा और भाजपा द्वारा टिकट से वंचित रखे गए मधु श्रीवास्तव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। 

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