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'हर घर तिरंगा' मिशन के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में रितु राठी की नई पहल

यह पहल वर्तमान में सरकार द्वारा इस दिशा में संचालित उपक्रमों में सहयोग करेगी जिससे इस क्षेत्र में लड़कियों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ेगा। एक-सोच एनजीओ की परियोजना भारत के प्रधानमंत्री मोदी के ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ मिशन के अनुरूप है। सेना की मानसबल राष्ट्रीय राइफल्स इस काम में करेगी मदत

By Arijita SenEdited By: Published: Sat, 06 Aug 2022 04:01 PM (IST)Updated: Sat, 06 Aug 2022 04:01 PM (IST)
'हर घर तिरंगा' मिशन के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में रितु राठी की नई पहल
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एनजीओ एक सोच की नई पहल

अहमदाबाद, एजेंसी। लोग चाहे जितना कह लें कि महिलाएं भी पुरुषों से कंधा मिलाकर चल रही हैं। लेकिन सच आज भी कुछ और है। हालांकि महिलाओं व बच्चियों को सशक्त व मजबूत बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं।

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सशक्तिकरण (Empowerment) की प्रक्रिया में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। युवा महिलाओं को शिक्षित करना उनके सशक्तिकरण और साथ ही राष्ट्र को सशक्त बनाने की दिशा में प्रथम महत्वपूर्ण कदम होता है। ऐसे में 'एक-सोच एनजीओ' इस महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति के लिए समर्पित है।

'एक-सोच एनजीओ' ने इस दिशा में भगीरथी प्रयास करते हुए जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में विभिन्न जगहों से आने वाली कई लड़कियों की शिक्षा के लिए होने वाला सारा व्यय एक वर्ष के लिए वहन करेगा। इसकी शुरुआत भारतीय सेना (Indian Army) की मानसबल राष्ट्रीय राइफल्स की मदद से की गई। इसके अलावा सैनिकों के साथ रक्षाबंधन (Rakshabandhan) उत्सव भी मनाया गया ताकि उन्हें भी सम्मान मिल सके। 

टीम ने नया अध्याय शुरू किया

इन गतिविधियों से एनजीओ की टीम ने इतिहास में एक और नया अध्याय शुरू किया है। आपको बता दें कि यह संस्था गुजरात (Gujarat) के आदिवासी क्षेत्रों और सूरत शहर में युवा महिलाओं और दिव्यांग बच्चों की सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।

'एक-सोच एनजीओ' की संस्थापक रितु राठी, ट्रस्टी जयमिश बॉम्बेवाला और सुमिलन समूह ने इस परियोजना का नाम ’सरस्वती सदैव मंगलम’ रखा है। गुजरात से बाहर अपने विस्तार की दिशा में कदम बढ़ाने का एनजीओ (NGO) टीम का यह पहला प्रयास है। 

महिला विशेषज्ञों के समूह ने छात्राओं को बेहतर महसूस कराया

इस दौरान पांच महिला विशेषज्ञों के एक समूह ने छात्राओं और उनके प्रशिक्षकों की कॉउंसलिंग (Counselling) भी की, ताकि वे अपने बारे में बेहतर महसूस कर सकें और उन्हें उनके समुदाय द्वारा और अधिक सहयोग मिल सके।

यह पहल वर्तमान में सरकार द्वारा इस दिशा में संचालित उपक्रमों में सहयोग करेगी, जिससे इस क्षेत्र में लड़कियों की शिक्षा पर प्रभाव पड़ेगा।

इसके अलावा, संस्था विद्यालयों में खेल सम्बंधी और वैज्ञानिक उपकरण भी उपलब्ध कराएगी। इस दौरान टीम ने विशेष जरूरतों वाले बच्चों के एक स्कूल और शहीदों के बच्चों के एक स्कूल का भी दौरा किया। उन्होंने दोनों स्कूलों में आर्थिक मदद भी की।  

मौजूद हस्तियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में की मदद

छात्राओं का मनोबल बढ़ाने को कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। जिसमें पूर्व एमएलसी सुरिंदर अंबरदार, एसएसएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की चेयरपर्सन दिलअफरोज काजी, युवा समाजसेवी मिस महक शाह, भाजपा राज्य सचिव डॉ फरीदा खान, एडवोकेट हामीद भट, भाजपा के बारामूला जिला महासचिव जीएच मोहिद्दीन सोफी, सरपंच मेहराज राथर, युवा शिया नेता जीएच हुसैन डार, नईदखाई से सामाजिक कार्यकर्ता नासिर ए लोन समेत कई लोग शामिल हुए।

इन सभी ने मिलकर ’हर घर तिरंगा यात्रा’ और ’बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मिशन के अंतर्गत हुए कार्यक्रमों को सफल बनाने में मदद की।

बच्चियों के साथ टीम के घनिष्ठ संबंध स्थापित

भारत सरकार (Govt. of India) ने जब से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किया तब से इस क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश ने तरक्की की है।

'एक-सोच एनजीओ' की यह परियोजना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ मिशन के अनुरूप है।

युवा लड़कियों के अभिभावकों ने इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा भी की। दौरे के दौरान, 'एक-सोच एनजीओ' की टीम के संबंध वहां की छोटी लड़कियों के साथ बहुत घनिष्ठ हो गए हैं।


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