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Morbi Bridge Case: सभी पुलों का कराएं सर्वे, मुआवजा राशि बढ़ाए राज्‍य सरकार; नगर पालिका का अधिकारी दोषी- HC

गुजरात हाई कोर्ट ने गुरुवार को राज्‍य के सभी पुल के सर्वे का आदेश राज्‍य सरकार को दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि राज्‍य सरकार सभी पुलों की स्थि‍ति सुनिश्चित कराए। साथ ही हाई कोर्ट ने सभी पुलों की लिस्‍ट मांगी है।

By Jagran NewsEdited By: Monika MinalPublished: Thu, 24 Nov 2022 01:17 PM (IST)Updated: Thu, 24 Nov 2022 01:23 PM (IST)
Morbi Bridge Case: सभी पुलों का कराएं सर्वे, मुआवजा राशि बढ़ाए राज्‍य सरकार; नगर पालिका का अधिकारी दोषी- HC
गुजरात हाई कोर्ट ने राज्‍य सरकार को दिया आदेश- सभी पुलों का कराएं सर्वे

 अहमदाबाद, एजेंसी। गुजरात हाई कोर्ट ने गुरुवार को मोरबी पुल हादसा मामले की सुनवाई की और नगर निगम के चीफ ऑफिसर को इसका जिम्‍मेवार ठहराया। कोर्ट ने राज्‍य के सभी पुल के सर्वे का आदेश गुजरात सरकार को दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि राज्‍य सरकार सभी पुलों की स्थि‍ति सुनिश्चित कराए। साथ ही हाई कोर्ट ने सभी पुलों की लिस्‍ट मांगी है। 

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राज्‍य सरकार को लगाई फटकार 

राज्‍य सरकार को फटकार लगाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि मृतकों के परिवारों को पर्याप्‍त मुआवजा नहीं मिला है। मुआवजे के तौर पर दी गई धनराशि को दोगुना करने की आवश्‍यकता है। साथ ही हाई कोर्ट ने सरकार से कहा कि ऐसा सिस्‍टम बनाया जाए जिससे फिर इस तरह की दुर्घटना न हो सके।

30 अक्‍टूबर को हुए मोरबी पुल हादसे के लिए गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार ने गुरुवार को मोरबी नगर पालिका के चीफ ऑफिसर एसवी जाला को दोषी करार दिया। इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी। चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एजे शास्‍त्री ने आज मामले की सुनवाई की। बेंच ने कहा,'मोरबी नगर पालिका चीफ ऑफिसर एसवी जाला दोषी पाए गए हैं यहां तक क‍ि नगर पालिका द्वारा दायर किए गए हलफनामे में भी वि‍वरण नहीं है।

10 दिन में मांगी रिपोर्ट 

साथ ही बेंच ने राज्‍य में मौजूद इस तरह के पुलों के बारे में पूरा विवरण और इसका स्‍टेटस रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर देने को कहा है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'हम मुआवजे की राशि से संतुष्‍ट नहीं हैं, पीडित परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये मिलने चाहिए। '

मोरबी पुल को दिवाली से कुछ दिन पहले ही खोला गया था। इससे पहले वह लंबे समय से बंद था और खुलते ही हादसा हो गया। हादसे को लेकर जारी रिपोर्ट के अनुसार, पुल के मरम्मत और प्रबंधन में लापरवाही के कारण ठेकेदार कंपनी ओरेवा और स्थानीय नगरपालिका पर सवालिया निशान लगाए गए।

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