ब्रेक्जिट के मुद्दे पर रुक नहीं रहा घमासान दो और मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
ईयू ड्राफ्ट के खिलाफ ब्रेक्जिट सेक्रेट्री डोमेनिक राब, सेक्रेट्री ऑफ स्टेयट फॉर वर्क एंड पेंशन ईस्थ र मेकवे समेत दो और जूनियर मिनिस्ट्र ने अपने पद से इस्ती्फा दे दिया है। इससे पहले दो और मंत्री भी इसी मुद्दे पर इस्तीफा दे चुके हैं।
नई दिल्ली (जागरण स्पेशल)। ब्रेक्जिट के मुद्दे पर फिलहाल घमासान थमता दिखाई दे रहा है। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के वार्ताकारों में ब्रेक्जिट समझौते की रूपरेखा पर सहमति बनने के बाद बुधवार को जब इसकी समीक्षा के लिए कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई गई तो इसमें काफी गहमागहमी का माहौल रहा। पांच घंटे चली मैराथन बैठक के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे को सांसदों की आलोचना का शिकार होना पड़ा। लेकिन कुल मिलाकर उन्होंने अपनी कुर्सी और कैबिनेट को बचा लिया है। इस बैठक में डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी काफी उग्र दिखाई दी। पार्टी की तरफ से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने तक की बात कह डाली। आलम ये है कि ईयू ड्राफ्ट के खिलाफ ब्रेक्जिट सेक्रेट्री डोमेनिक राब, सेक्रेट्री ऑफ स्टेयट फॉर वर्क एंड पेंशन ईस्थ र मेकवे समेत दो और जूनियर मिनिस्ट्र ने अपने पद से इस्ती्फा दे दिया है। इससे पहले दो और मंत्री भी इसी मुद्दे पर इस्तीफा दे चुके हैं।
585 पेज का दस्तावेज तैयार
लेबर पार्टी के नेताओं ने भी यह साफ कर दिया कि सरकार साफ करे कि वह किसके पक्ष में है। जेरेमी कॉरबेन ने यहां तक कहा कि उन्हें इस समझौते में कोई विश्वास नहीं है। आपको बता दें कि ईयू और ब्रिटेन के बीच करीब 585 पेज का एक दस्तावेज तैयार किया गया है जिसको देश के हित में बताया जा रहा है। फिलहाल इसको लेकर जबरदस्त घमासान मचा है। थेरेसा पहले ही कह चुकी हैं कि वह कोई भी फैसला देशहित में ही लेंगी। ऐसा कोई भी कदम जिससे देश को नुकसान हो वह नहीं उठाने वाली हैं और न ही देश के बंटवारे का घातक कदम वह उठाएंगी। यहां पर आपको बता दें कि ईयू और ब्रिटेन के बीच ब्रसेल्स में वार्ता के दौरान दोनों के बीच कुछ सहमति बनी थी।
ब्रिटेन में सियासी घमासान
लेकिन इन तमाम सहमति और समझौतों के बावजदू ब्रिटेन में सियासी घमासान मचा है। आलम ये है कि इस मसले पर जहां एक तरफ दोबारा जनमत संग्रह कराए जाने की मांग हो रही है। इस मसले पर पहले ही सरकार में मंत्री रहे जॉनसन अपना इस्तीफा दे चुके हैं। वह पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन के छोटे भाई हैं। ब्रेक्जिट के मुद्दे पर जॉनसन का हस्तक्षेप इसलिए भी काफी अहम है क्योंकि 2016 में ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के खिलाफ वोट किया था। मंत्रिमंडल से उनकी विदाई से ईयू समर्थक मंत्रियों के सौदे के विरोध को और बल मिलेगा।
बचे हैं सिर्फ पांच माह
आपको बता दें कि ईयू से औपचारिक रूप से ब्रिटेन के अलग होने में अब पांच महीने ही बचे हैं। अगले साल 29 मार्च को ब्रिटेन को पूरी तरह से ईयू से अलग होना है। लेकिन वार्ताकार अभी ब्रिटेन प्रशासित उत्तरी आयरलैंड और ईयू के सदस्य आयरलैंड के बीच सीमा के निर्धारण के लिए बैक अप योजना को लेकर ही उलझे हुए हैं।ब्रेक्जिट के मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने वाली उत्तरी आयरलैंड की डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) ने ब्रेक्जिट समझौते पर थेरेसा मे सरकार की बातचीत को विश्वासघात करार दिया है। डीयूपी ने साफ कर दिया है कि वह ब्रिटेन को विभाजित करने वाले किसी भी समझौते का समर्थन नहीं करेगी।
जॉनसन के थेरेसा पर आरोप
जॉनसन ने थेरेसा मे पर सीधा आरोप लगाते हुए यहां तक कहा था कि पूर्व में हुए समझौते से देश गुलामी की अवस्था में चला जाएगा और देश में अफरा तफरी मच जाएगी। जूनियर परिवहन मंत्री रहे जॉनसन ने पद से त्यागपत्र देने के बाद कहा कि ब्रिटेन दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़े संकट के मुहाने पर खड़ा है। जॉनसन ने 2016 में ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के खिलाफ वोट किया था। वहीं, ब्रेक्जिट समझौते में उत्तरी आयरलैंड के बीच सीमा खींचने की खबरों पर डीयूपी ने प्रधानमंत्री मे को सख्त चेतावनी दी है। उनका यहां तक कहना है कि कुछ और भी ब्रेक्जिट योजना से बाहर होने के बारे में सक्रियता से विचार कर रहे हैं।