पनामा पेपर्स मामले में सुनवाई टली, अब 19 को नवाज शरीफ पर आएगा फैसला
पनामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बीते 28 जुलाई को 67 वर्षीय नवाज शरीफ को दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।
इस्लामाबाद, पीटीआई। पनामा पेपर्स मामले में आज पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद मोहम्मद सफदर के खिलाफ एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में आरोप तय किया जाना था। मगर वकीलों के प्रदर्शन के कारण इस कार्यवाही को 19 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 28 जुलाई को 67 वर्षीय नवाज शरीफ को अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने इस्लामाबाद और रावलपिंडी की अदालतों में नवाज शरीफ, उनके परिवार के सदस्यों और वित्त मंत्री इशाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के तीन मामले दर्ज किए थे।
आज जैसे ही जज मोहम्मद बशीर अदालती कार्यवाही शुरू करने के लिए कोर्टरूम में प्रवेश किए, बड़ी संख्या में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) समर्थक वकीलों ने उन्हें घेर लिया और आरोप लगाने लगे कि सुरक्षा बलों द्वारा अदालत के बाहर उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया व कोर्टरूम में आने से उन्हें रोका गया। साथ ही उन्होंने धमकी दे डाली कि अगर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे सुनवाई नहीं होने देंगे। ऐसे में इस विवाद को बढ़ता देख जज बशीर कोर्टरूम से बाहर चले गए और बाद में 19 अक्टूबर को अगली सुनवाई का एलान कर दिया।
इस दौरान नवाज शरीफ कोर्ट में गैर-मौजूद रहे। इस बारे में पीएमएल-एन के एक वरिष्ठ नेता ने बताया था कि वह लंदन से अब तक लौटे नहीं हैं, जहां वह अपनी पत्नी कुलसूम की देखभाल में व्यस्त हैं। उन्होंने कोर्ट में पेश होने के लिए एक प्रतिनिधि को नामित किया था। हालांकि उनकी बेटी और दामाद को कोर्ट में देखा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान भी वे मौजूद थे। नवाज शरीफ की पत्नी गले के कैंसर से जूझ रही हैं और अब तक लंदन में तीन सर्जरी से गुजर चुकी हैं।
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