Move to Jagran APP

अब स्कूली छात्राओं को लेकर पाकिस्तान में शुरू हुआ विवाद, सोशल मीडिया पर हंगामा

पाकिस्तान के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे। पहले कश्मीर मुद्दे पर दुनिया भर में घिर चुका पाकिस्तान अब नए विवाद में फंस गया है। इस बार विवाद के सुर उसके देश से भी उठे हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 05:39 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 09:58 AM (IST)
अब स्कूली छात्राओं को लेकर पाकिस्तान में शुरू हुआ विवाद, सोशल मीडिया पर हंगामा
अब स्कूली छात्राओं को लेकर पाकिस्तान में शुरू हुआ विवाद, सोशल मीडिया पर हंगामा

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। पहले पुलवामा आतंकी हमला (Pulwama Terror Attack), फिर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म होने के मसले पर दुनिया भर में घिरा पाकिस्तान अब नए विवाद में फंस गया है। आर्थिक मंदी से जूझ रहे पाकिस्तान में इस बार उसके देश के भीतर से ही विवाद के सुर उठे हैं। पाकिस्तान को सोशल मीडिया पर खूब खरीखोटी सुनने को मिल रही है।

prime article banner

पाकिस्तान को लेकर शुरू हुए नए विवाद की वजह लड़कियों पर थोपे जाने वाले उसके दकियानूसी कानून हैं। दरअसल पाकिस्तान सरकार ने कुछ दिनों पहले सरकारी खर्चे पर बुर्के खरीदे हैं। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा ये बुर्के स्कूली छात्राओं के लिए खरीदे गए हैं। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक अधिकारी ने स्कूली छात्राओं के लिए बुरका खरीदने पर 570 डॉलर (90 हजार पाकिस्तानी रुपये) खर्च किए हैं। मालूम हो कि पाकिस्तान इन दिनों बेहद बुरी आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार द्वारा सरकारी खर्च से स्कूली छात्राओं के लिए खरीदे गए बुरकों को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है।

सोशल मीडिया पर पाक छात्राओं की फोटो वायरल

इसके बाद से पाकिस्तानी स्कूलों में बुरका पहनी छात्राओं की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार के फैसले के प्रति लोगों को गुस्सा भी फूट रहा है। पाकिस्तान सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाने वालों में उसके देश के नागरिकों के अलावा कई अन्य देशों के लोग और महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाएं भी शामिल हैं।

सरकारी स्कूल में बांटे गए बुरका

अलजजीरा की एक खबर के मुताबिक पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक छोटे से गांव चीना (Cheena) में डिस्ट्रिक्ट काउंसलर द्वारा स्थानीय सरकार के 570 डॉलर खर्च कर स्कूली छात्राओं के लिए लगभग 90 बुरका खरीदे गए हैं। ये बुरका सरकार द्वारा क्षेत्र में संचालित किए जाने वाले एक मिडिल स्कूल की छात्राओं के लिए खरीदे गए हैं।

छात्राओं के परिजन के अनुरोध पर खरीदा बुरका

मालूम हो कि जिस क्षेत्र की स्कूली छात्राओं के लिए बुरका खरीदे गए हैं, वहां औरतें खास किस्म का पारंपरिक बुरका पहनती हैं। ये बुरका सिर से लेकर पैर तक और चेहरे को भी कवर करता है। पूरे मसले पर विवाद शुरू होने के बाद मामले में प्रांत के एक अधिकारी मुजफ्फर शाह ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने कुछ ऐसे परिजनों के अनुरोध पर बुरका के लिए कपड़ा खरीदा है, जो खुद इसका खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं।

इतनी आलोचना क्यों हो रही : मुजफ्फर शाह

न्यूज एजेंसी एएफपी से बातचीत के दौरान अपनी सफाई में मुजफ्फर शाह ने कहा कि उनके प्रांत में 90 फीसद से ज्यादा स्कूली लड़किया पहले से ही बुरका पहनती हैं। इसलिए उन्हें लगा कि इन गरीब लड़कियों को भी नया बुरका उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने सरकारी खर्च से स्कूल के लिए सोलर पैनल खरीदा था। एक शौचालय बनवाया था और नए फर्नीचर भी खरीदे थे। शाह ने न्यूज एजेंसी से कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर स्कूली लड़कियों के लिए बुरका खरीदने पर इतना हंगामा क्यों मचा हुआ है? चारों तरफ उनकी आलोचना क्यों हो रही है? जबकि क्षेत्र के लोग उनसे बहुत खुश हैं।

ट्वीटर पर पाकिस्तान के खिलाफ फूटा गुस्सा

पाकिस्तान के इस कदम पर ट्वीटर यूजर फातिमा वली ने ट्वीट कर कहा, 'शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान केंद्रीत करने की जगह, महिलाओं को परेशान करने, गाली देने और बलात्कार करने वालों के लिए सख्त और अनुकरणीय सजा व्यवस्था लागू करने की जगह लड़कियों के लिए बुरका खरीदे जा रहे हैं।' हाल में पाकिस्तान छोड़कर न्यूयॉर्क में बसीं, पाकिस्तानी महिला अधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने भी पाकिस्तान सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने लिखा है, 'मुझे ये देखकर बहुत खुशी हो रही है कि समय बदल रहा है। अब ज्यादा से ज्यादा लोग महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचार और उनकी सुरक्षा के लिए आगे आकर खड़े होते हैं।'

शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश

वहीं इस मामले में विवाद बढ़ता देख प्रांतीय शिक्षा मंत्री जिआ-उल्लाह-बंगश (Zia Ullah Bangash) ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि स्कूली लड़कियों को दिया गया कपड़ा (बुरका) स्कूल यूनिफार्म का हिस्सा नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे स्कूली ड्रेस कोड में सफेद पैंट और एक ढीली नीली कुर्ती शामिल है। ये छात्राओं पर निर्भर करता है कि वह यूनिफार्म पर बुरका पहनना चाहती हैं या नहीं। इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जाता है।

भारत से हो रही तुलना

सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के इस कदम का विरोध करने वाले बहुत से लोग भारत से भी तुलना कर रहे हैं। इसमें बताया जा रहा है कि कैसे भारत में मुस्लिमों महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने और सम्मान की जिंदगी देने के लिए सरकार दकियानूसी कानूनों व परंपराओं को खत्म कर रही है। वहीं खुद को मुस्लिमों का हितैशी बताने वाला पाकिस्तान अब भी कैसे मुस्लिम महिलाओं और बच्चियों पर बंदिशें थोप रहा है।

जानें कौन है ये खूबसूरत महिला और क्यों बनी हुई है कट्टरपंथियों के लिए मुसीबत

सऊदी अरब ने हाल में दी है छूट

सख्त मुस्लिम कानूनों वाले सऊदी अरब ने भी हाल में महिलाओं को काफी छूट दी है। सऊदी अरब ने पिछले महीने ही मुस्लिम महिलाओं को अबाया की बाध्यता से मुक्ति दी है। सऊदी अरब में मुस्लिम महिलाएं अब सार्वजनिक स्थानों पर बिना अबाया के आ-जा सकती हैं। इसके अलावा सऊदी अरब ने इसी माह पहली बार महिलाओं को अकेले विदेश यात्रा की अनुमति दी है। सऊदी अरब ने इसी महीने ये भी व्यवस्था कर दी है कि अब उनके देश के किसी होटल में एक ही कमरे में ठहरने के लिए महिला-पुरुष को अपने रिश्तों का खुलासा करना जरूरी नहीं होगा। अब तक सऊदी अरब में पति-पत्नी को ही होटल का कमरा शेयर करने की अनुमति थी।

ईरान में महिलाओं के स्टेडिम प्रवेश से रोक हटाई

इसी महीने ईरान ने महिलाओं को स्टेडियम में जाकर मैच देखने की छूट दे दी है। ईरान ने ये फैसला पिछले माह हुई एक दर्दनाक घटना के बाद लिया है। पिछले माह ईरान में एक महिला फुटबाल फैन चोरी-छिपे स्टेडियम में मैच देखने चली गई थी। जहां सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया था। इसी मामले में कोर्ट में पेशी के दौरान उसने कोर्ट रूम के बाहर ही आत्मदाह कर लिया था। इसके बाद ईरान ने महिलाओं के स्टेडियम में प्रवेश संबंधी प्रतिबंध को खत्म कर दिया।

कई देशों में बुरका प्रतिबंधित

नीदरलैंड, फ्रांस, अफ्रीकी देश चाड, कैमरून, डेनमार्क, कांगो, बेल्जियम, हॉलैंड, स्वीटजरलैंड, इटली, जर्मनी, स्पेन व श्रीलंका ने बुरका और नकाब को प्रतिबंधित कर दिया है। यहां अब मुस्लिम महिलाएं अन्य महिलाओं की तरह बिना बुरका और नकाब के आजादी से घूम सकती हैं। श्रीलंका ने ये फैसला कुछ माह पहले चर्च में हुए आतंकी हमलों के बाद लिया था। साफ है कि एक तरफ दुनिया के तमाम देश जहां मुस्लिम महिलाओं को आजादी और बराबरी का दर्जा देने की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। पाकिस्तान अब भी मुस्लिम महिलाओं और बच्चियों तक पर मुस्लिम कानूनों की आड़ में बंदिशें थोपने में लगा हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.