तालिबान ने डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर की हत्या की खबरों को किया खारिज, हक्कानी नेटवर्क के साथ जंग में मारे जाने की थी खबर
तालिबान ने उन खबरों को खारिज कर दिया है जिनमें तालिबान के डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर की हत्या होने की बात की जा रही है। तालिबान ने कहा कि राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख रहे बरादर न तो मरे हैं और न ही घायल हुए हैं।
काबुल, एजेंसी। तालिबान ने उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिनमें तालिबान के डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर की हत्या होने की बात की जा रही है। अपनी बात को पुष्ट करने के लिए मुल्ला बरादर का एक आडियो भी जारी किया गया है। एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मुल्ला बरादर कंधार में बैठक कर रहा है, लेकिन इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख रहे और डिप्टी पीएम मुल्ला अब्दुल गनी बरादर न तो मरे हैं और न ही घायल हुए हैं। उन्होंने अपना एक आडियो संदेश भी जारी किया है।
इससे पहले मुल्ला बरादर की हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी के साथ लड़ाई में मारे जाने की खबर सामने आई थी। एक समय मुल्ला बरादर को नई सरकार का प्रमुख बनाए जाने की बात सामने आ रही थी। उसके बाद से मुल्ला बरादर को सार्वजनिक तौर पर कहीं नहीं देखा गया है। न ही वह एक दिन पहले कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात करते दिखाई दिए हैं। काबुल पर कब्जे के बाद सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह अखुंदजादा को भी सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है।
तालिबान में सत्ता में शीर्ष पदों के लिए आपसी खींचतान के बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मुल्ला अब्दुल गनी बरादर गोली लगने से मौत हो गई हैं। यह कहा जा रहा था कि सरकार में पद को लेकर तालिबान नेताओं के बीच विवाद था। इसके बाद बरारद का एक आडियो क्लिप सामने आया है। इस क्लिप में कहा गया है कि मेरे गायब रहने के दौरान मीडिया एक्टिविस्ट ने प्रोपेगैंडा फैलाया है। बता दें कि अफगानिस्तान की नई सरकार में बरादर को डिप्टी प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि तालिबान गुटों के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष की वजह से बरादर की मौत हो गई है।
सोमवार को बरादर ने अपना आडियो क्लिप जारी किया था। इस क्लिप में बरादर ने इन बातों को सिरे से खारिज कर दिया था। सामने आए आडियो क्लिप में उन्होंने कहा कि मैं यात्रा पर था। मेरे मौजूद नहीं रहने का फायदा उठाकर मीडिया एक्टिविस्ट ने प्रोपेगैंडा फैलाना शुरू कर दिया है। मैं और मेरा हर साथी पूरी तरह से ठीक हैं। खबरों ने हमेशा प्रोपेगैंडा फैलाने का काम किया है। इन अफवाहों को सिरे से खारिज करें, हम सब ठीक हैं। उन्होंने कहा कि जब दुश्मनों को सफलता नहीं मिली तो वे हमसे लड़े और मेरी मौत की खबरें फैला दीं। लेकिन हर दूसरे क्षेत्र की तरह यहां भी उन्हें हार मिली।
अफगानिस्तान पर तालिबान कब्जे के बाद अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार बनाने का अंतरराष्ट्रीय दबाव था। हालांकि, वह ऐसा करने में पूरी तरह से विफल रहा है। इसके पीछे की वजह हक्कानी नेटवर्क है। इसको सरकार में जगह दी गई है। हक्कानी नेटवर्क के मुखिया सिराजुद्दीन हक्कानी को अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यहां गौर करने वाली बात यह है कि हक्कानी अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई की वांटेड लिस्ट में शामिल है। इसके अलावा, समावेशी सरकार बनाने के बजाय तालिबान ने सिर्फ पुरुषों वाली सरकार का गठन किया है।