हिटलर के राज का खौफनाक चेहरा आपके रोंगटे खड़े कर देगा, इंसान की खाल से बनती थी फोटो एल्बम!
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजियों द्वारा अपने कैदियों को दी गई यातनाएं आज भी रोंगटे खड़े कर देती हैं। ऐसी एक एल्बम जो इंसान की खाल से बनी है इसकी दास्तां बयां कर रही है।
पौलेंड। जर्मनी में नाजी शासन या तानाशाह हिटलर का शासन अपनी क्रूरता के लिए पूरी दुनिया में हर वक्त चर्चा का विषय रहा है। गैस चैंबर या फिर लोगों को फायरिंग स्क्वॉड के सामने खड़ा करके मौत के घाट उतारना इस शासन का एक घिनौना चेहरा रहा है। इस शासन के दौरान कई तरह के ऐसे गुप्त अंडरग्राउंड चैंबरों का पता लगा है, जहां पर कैदियों को उनका दम निकलने तक खौफनाक यातनाएं दी जाती थीं। इस तरह के एक नहीं, बल्कि कई सबूत अब तक मिल चुके हैं।
हिटलर ने अपने दुश्मनों को मारने के लिए जो कैंप बनवाए थे उनमें से एक बुचेनवाल्ड में भी था। पौलेंड के Auschwitz-Birkenau के मेमोरियल और म्यूजियम में नाजियों की क्रूरता का एक सुबूत दिल को दहला देने वाला है। ये है एक फोटो एल्बम। यह कोई आम एल्बम नहीं है, बल्कि ये इसलिए बेहद खास है, क्योंकि इसका कवर इंसानी खाल का बना हुआ है। इसको पौलेंड के एक प्राइवेट कलेक्टर ने खोजा था।
उन्हें ये एल्बम एक पुरानी मार्केट में मिली थी। इस कलेक्टर का नाम पावेल क्रेजाचेकोस्की था। उन्होंने बाद में इसको म्यूजियम को सौंप दिया था। sputniknews.com के मुताबिक, उन्होंने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्होंने इस एल्बम से बदबू आ रही थी। जब उन्होंने इस एल्बम को ध्यान से देखा तो उन्हें इसके ह्यूमन स्किन होने की जानकारी मिली। इस खाल पर इंसान के बाल तक दिखाई दे रहे थे। इस खाल पर बना टैटू तक दिखाई दे रहा था।एल्बम के इस कवर की वैज्ञानिक जांच होने के बाद जो तथ्य सामने आए वो बेहद चौंकाने वाले थे। इसमें पता चला कि ये कवर सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान की थी। इस जानकारी से नाजी तानाशाह हिटलर की वो क्रूरता एक बार फिर से सामने आई है जिसकी चपेट में लाखों लोग आए थे।
ह्यूमन स्किन से बनी इस एल्बम में 100 से अधिक फोटोग्राफ्स लगे हैं। इस स्किन को एक कार्डबोर्ड पर लगाया गया है। इसमें लगे सभी फोटो पोस्टकार्ड साइज के हैं। हालांकि, जब उन्हें ये एल्बम मिली थी तब इन पर धूल की परत मौजूद थी। माना जा रहा है कि ये एल्बम लोगों पर क्रूरता करने वालों को इनाम के तौर पर दी गई थी। वहां से ये एल्बम एक गेस्ट हाउस चलाने वाले दंपती के पास पहुंची और फिर एक पुरानी मार्केट तक पहुंची। आज ये म्यूजियम में रखी गई कुछ बेशकीमती धरोहरों में से एक है, जो दूसरे विश्व युद्ध का एक भयानक चेहरा दिखाती है। कहा ये भी जा रहा है नाजियों द्वारा ह्यूमन स्किन से बनाई गई ये केवल एकमात्र चीज नहीं है, बल्कि उन्होंने इससे पर्स तक बनाए थे।
इस कैंप का गवाह रहे कारोल कोंजनी का कहना है कि उन्हें ये लगता है कि ये एल्बम उस दौर की सारी कहानी खुद ही कह रही है। उनके मुताबिक, जिन लोगों को फायरिंग स्क्वॉड के हाथों मौत दी गई थी उनमें से ही किसी एक की ये स्किन हो सकती है। कारोल उन चंंद खुशनसीबों से एक हैं जिन्हें इस कैंप से भागने में सफलता हासिल हुई थी। आपको बता दें कि नाजियों ने अपने डैथ कैंपों में करीब 3 लाख लोगों को रखा था जिसमें से 56 हजार लोग बच गए थे।
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