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बर्बरता की हदें पार; महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे अफगान पत्रकारों को तालिबान ने बेरहमी से पीटा

समूह द्वारा सरकार की घोषणा करने के बाद ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो तालिबान की क्रूर नीति को रेखांकित करती है। तालिबान की ओर से सरकार बनाने की दिशा में मानवाधिकारों की रक्षा करने और प्रेस की स्वतंत्रता की गारंटी देने के वादे भी झूठे नजर आ रहे हैं।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 03:54 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 04:01 PM (IST)
बर्बरता की हदें पार; महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे अफगान पत्रकारों को तालिबान ने बेरहमी से पीटा
बर्बरता की हदें पार; महिलाओं के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे अफगान पत्रकारों को तालिबान ने बेरहमी से पीटा

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान में अपनी नई सत्ता को बनाने के बाद एक नए तालिबानी युग की शुरुआत हो गई है। जिस क्रूरता और दहशतगर्दी के लिए तालिबान जाना जाता है, एक वैसा ही सच अब दुनिया के सामने आने लगा है। तालिबान द्वारा पीटे जाने के बाद लगी चोटों को दिखाते पत्रकारों की परेशान करने वाली फोटो ने कट्टरपंथी इस्लामी समूह पर वैश्विक चिंताओं को एक बार फिर रेखांकित किया है। साथ ही तालिबान की ओर से सरकार बनाने की दिशा में मानवाधिकारों की रक्षा करने और प्रेस की स्वतंत्रता की गारंटी देने के वादे भी झूठे नजर आ रहे हैं।

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समूह द्वारा सरकार की घोषणा करने के बाद दो ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जो तालिबान की क्रूर नीति को भी रेखांकित करती है। यह तस्वीरें सत्यापित ट्विटर हैंडल द्वारा साझा की गई हैं, जिसमें एक पोस्ट मार्कस याम (लास एंजिल्स टाइम्स के लिए एक विदेशी संवाददाता) और दूसरी एतिलाट्रोज (एक अफगान समाचार प्रकाशन) द्वारा पोस्ट की गई है।

याम द्वारा ट्वीट की गई तस्वीरों में दो पुरुष दिखाई दे रहे हैं, जो अपनी शरीर पर चोट के निशान दिखा रहे हैं। वे कैमरे की ओर पीठ करके खड़े हैं। उनकी पीठ और पैर चोट के निशानों से भरे हुए हैं।

एतिलाट्रोज द्वारा ट्वीट की गई फोटो में उन्हीं दो लोगों को दिखाया गया है, जिन्हें प्रकाशन ने अपने कर्मचारियों के रूप में बताया है। इनके नाम ताकी दरियाबी और नेमातुल्लाह नकदी बताए गए। उन फोटो में दोनों के शरीर पर निशानों को करीब से दिखा गया।

एतिलाट्रोज के अनुसार, दरियाबी और नकदी (एक वीडियो एडिटर और एक रिपोर्टर) कल पश्चिमी काबुल के कार्त-ए-चार इलाके में महिलाओं के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे, जब तालिबान द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया, उन्हें अलग-अलग कमरों में ले जाया गया और पीटा और प्रताड़ित किया।

नकदी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, 'तालिबान में से ही एक ने मेरे सिर पर पैर रखा, मेरा चेहरा कुचल दिया। उन्होंने मेरे सिर पर वार किया... मुझे लगा कि वे मुझे मारने जा रहे हैं।'

उन्होंने एएफपी को बताया कि जैसे ही उन्होंने काम और शिक्षा के अधिकार की मांग कर रही महिलाओं की रैली की तस्वीरें लेना शुरू किया, तालिबान के एक लड़ाके ने उन्हें घेर लिया। उन्होंने कहा, 'मुझसे कहा गया कि आप कवर नहीं कर सकते, उन्होंने उन सभी को गिरफ्तार कर लिया जो कवर कर रहे थे और उनके फोन ले गए। तालिबानियों ने मुझे लात मारी।' यह पूछने पर कि उन्हें क्यों पीटा जा रहा है, तो जवाब मिला- आप भाग्यशाली हैं कि आपका सिर नहीं कटा।

एलए टाइम्स के अनुसार, तालिबान ने अपने भी पत्रकारों को प्रदर्शनकारी महिलाओं की तस्वीरें लेने से रोक दिया। हालांकि, विदेशी संवाददाताओं को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। बता दें कि बुधवार को खबर मिली थी कि एतिलाट्रोज के पांच पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है। इस बात की जानकारी टोलो न्यूज द्वारा दी गई थी।


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