यमन में नाकाबंदी नहीं हटी तो पड़ सकता है सबसे बड़ा अकाल : यूएन
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सहायता प्रमुख ने कहा कि यमन में नाकाबंदी खत्म करने और सहायता सामग्री तत्काल पहुंचाने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र (एएफपी)। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सहायता प्रमुख ने चेतावनी दी है कि यमन में सऊदी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने नाकाबंदी खत्म नहीं की तो वहां बड़ा अकाल पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यह कई दशकों में दुनिया सबसे बड़ा अकाल होगा। इसमें लाखों लोगों की जान जा सकती है।
यूएन मानवीय सहायता मामलों के अवर महासचिव मार्क लॉकॉक ने बंद कमरे में हुई यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में यह जानकारी दी। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यमन में नाकाबंदी खत्म करने और सहायता सामग्री तत्काल पहुंचाने की जरूरत है। परिषद के अध्यक्ष इटली के राजदूत सेबेस्टियानो कार्डी ने कहा कि परिषद सभी सदस्यों ने यमन में गंभीर मानवीय स्थिति और करीब 70 लाख लोगों पर अकाल के खतरे को लेकर चिंता जताई। परिषद ने वहां जमीन, समुद्र और हवाई सभी मार्गों को खोलने और सहायता सामग्री पहुंचाने की अपील की।
यूएन महासचिव एंटानियो गुतेरस ने बुधवार को सऊदी विदेश मंत्री अब्देल अल-जुबेर से फोन पर नाकेबंदी को लेकर बातचीत की थी। सऊदी गठबंधन ने रियाद हवाई अड्डे के नजदीक शनिवार को यमन के हाउती विद्रोहियों के मिसाइल हमले के बाद नाकाबंदी की। सऊदी गठबंधन सेना और हाउती विद्रोहियों के बीच मार्च 2015 से लड़ाई चल रही है।
यमन में करीब 1.7 करोड़ लोग खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। 70 लाख लोगों पर अकाल का खतरा है। नौ लाख लोग हैजा से पीडि़त हैं जिनमें करीब 2000 की मौत हो गई है। रेड क्रास के मुताबिक मंगलवार को उत्तरी यमन की सीमा पर उसे हैजा रोकने की दवा ले जाने से रोक दिया गया।
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