Move to Jagran APP

चीन की कोरोना वैक्‍सीन पर दिए बयान से पलटे सीडीसी डायरेक्‍टर गाओ, बताया था वायरस पर कम कारगर

चीन के रोग नियंत्रण केंद्र निदेशक अपने उस बयान से पलट गए हैं जिसमें उन्‍होंने स्‍वदेशी वैक्‍सीन को कोरोना वायरस पर कम कारगर बताया था। गाओ का कहना है कि उन्‍होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था है। उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 01:37 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 01:37 PM (IST)
चीन की कोरोना वैक्‍सीन पर दिए बयान से पलटे सीडीसी डायरेक्‍टर गाओ, बताया था वायरस पर कम कारगर
बयान का गलत अर्थ निकाला गया, ऐसा कुछ नहीं कहा

बीजिंग (एजेंसी)। चीन के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के निदेशक गाओ फू अपने उस बयान से पलट गए हैं जो उन्‍होंने कुछ दिन पहले दिया था। इस बयान में कहा गया था कि चीन की फार्मा कंपनी सिनोविक द्वारा विकसित की गई वैक्‍सीन कोरोना वायरस पर कम कारगर है। सरकार इस वैक्‍सीन को अधिक कारगर बनाने की तैयारी में जुटी है। उन्‍होंने ये भी कहा था कि स्‍वदेशी वैक्‍सीन को पारंपरिक तरीके से विकसित किया गया था। इसके अलावा उन्‍होंने चीन को एमआरएनए तकनीक का इस्‍तेमाल किए जाने की सलाह दी थी। इस बयान के बाद चीन की सरकार में खलबली मच गई थी।

loksabha election banner

गाओ ने ये बयान शनिवार को दिया था जबकि इसके एक ही दिन बाद वो अपने बयानों से पलटते हुए दिखाई दिए। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक उन्‍होंने कहा कि उनके बयान को समझने में मीडिया नाकाम रही। उन्‍होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था, जिस पर स्‍वदेशी वैक्‍सीन की कारगरता पर सवाल उठाए जाएं। आपको बता दें कि ग्‍लोबल टाइम्‍स चीन की सरकार का मुखपत्र है। गाओ के बयान के बाद इस अखबार के साथ हुए उनके इंटरव्‍यू में गाओ ने कहा कि दुनियाभर के विशेषज्ञ वैक्‍सीन की कारगरता को लेकर बात कर रहे थे। उन्‍होंने इस दौरान केवल अपना साइंटिफिक विजन पेश किया था। उनका कहने का अर्थ केवल यही था कि वैक्‍सीन की कारगरता को और अधिक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए ही उन्‍होंने अलग-अजग वैक्‍सीन लगाने की भी सलाह दी थी।

उन्‍होंने इस इंटरव्‍यू में कहा कि दुनियाभर में विकसित की गई कोरोना वैक्‍सीन की कारगरता की बात करहें तो कुछ का कम और कुछ की कम है। इसको बढ़ाने के सवाल पर वैज्ञानिक विचार कर रहे थे। इसी दौरान उन्‍होंने अपना विचार पेश किया था। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक गाओ इस बात को लेकर दुखी थे कि मानव सभ्‍यता को पहली बार कोविड-19 महामारी से दो-चार होना पड़ रहा है। यही वजह है कि दुनिया भर के वैज्ञानिक इसकी वैक्‍सीन को लेकर शोध कर रहे हैं। सभी वैज्ञानिक इसको विकसित करने के लिए सभी नियमों का पालन कर रहे हैं। उन्‍होंने ये भी कहा है कि भविष्‍य में यदि हमें वैक्‍सीन में सुधार करने हैं तो इसके लिए हमें वायरस और वैक्‍सीन पर लगातार शोध करते रहना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.