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खतरे में अफ्रीका से लेकर अमेरिका, एस्‍ट्रॉयड तबाह कर सकता है कोई शहर या पूरा महाद्वीप!

2019-PDC यदि धरती से टकराया तो किसी शहर को पूरी तरह से खत्‍म कर सकता है। इतना ही नहीं यह शहर से लेकर एक महाद्वीप के बड़े हिस्‍से का पूरी तरह से विनाश तक कर सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 07 May 2019 08:32 AM (IST)
खतरे में अफ्रीका से लेकर अमेरिका, एस्‍ट्रॉयड तबाह कर सकता है कोई शहर या पूरा महाद्वीप!
खतरे में अफ्रीका से लेकर अमेरिका, एस्‍ट्रॉयड तबाह कर सकता है कोई शहर या पूरा महाद्वीप!

नई दिल्ली [जागरण स्‍पेशल]। करीब साढ़े छह करोड़ वर्ष पहले एस्‍ट्रॉयड के धरती पर गिरने से यहां पर रहने वाले विशाल डायरनासोर का अंत हो गया था। यह घटना दुलर्भ थी। एस्‍ट्रॉयड वै‍ज्ञानिकों के लिए हमेशा से मन में कोलाहुल पैदा करने वाला विषय रहा है। यही वजह है कि पिछले दिनों आयोजित एक सम्‍मेलन में जब नासा के वैज्ञानिक ने कहा कि धरती से एक विशाल एस्‍ट्रॉयड टकराने वाला है तो पूरे हॉल में खामोशी छा गई। हर कोई इस बारे में जानने को इच्‍छुक था कि ये आखिर क्‍या है और कब ऐसा होने वाला है। एस्‍ट्रॉयड के बारे में जानकारी देने वाले वैज्ञानिक का कहना था कि एक खगोलिय पिंड या एस्‍ट्रॉयड तेजी से धरती की तरफ बढ़ रहा है। इसका नाम 2019-PDC है जो अगले 8 सालों में धरती से टकरा सकता है।

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वहीं नासा के 'सेंटर फॉर नीयर अर्थ आब्‍जेक्‍ट स्‍टडीज' (NASA Center for Near-Earth Object Studies) के मैनेजर पॉल चडस का कहना था कि इसके धरती से टकराने की आशंका यूं तो महज 10 फीसद ही है, लेकिन यदि यह धरती से टकराया तो किसी शहर को पूरी तरह से खत्‍म कर सकता है। इतना ही नहीं यह शहर से लेकर एक महाद्वीप के बड़े हिस्‍से का पूरी तरह से विनाश तक कर सकता है। वैज्ञानिकों के लिए इस सम्‍मेलन में चिंता की एक और बार ये भी थी कि यह एस्‍ट्रॉयड धरती पर कहा गिरेगा या टकराएगा इसको लेकर कुछ भी स्‍पष्‍ट नहीं था। लेकिन इतना जरूर था कि अफ्रीका से लेकर अमेरिका तक कहीं भी ये कहर बरपा सकता है। वैज्ञानिक के मुताबिक अगले आठ वर्षों में यह कहीं भी कभी भी धरती से टकरा सकता है। चडस के अनुमान के मुताबिक न्यूयॉर्क, डेनवर, पश्चिम और मध्य अफ्रीका का एक बड़ा हिस्सा इसकी वजह से खत्‍म हो सकता है। उन्‍होंने सम्‍मेलन में मौजूद वैज्ञानिकों से यह भी जानना चाहा कि आखिर इससे बचने के लिए क्‍या किया जा सकता है।

नासा की तरफ से हुए खुलासे से सम्‍मेलन में बैठा हर व्‍यक्ति कहीं न कहीं चिंतित था। लेकिन चडस ने अपने खुलासे के बाद जो कहा वह कहीं न कहीं लोगों के लिए राहत भरा था। उनका कहना था कि 20,000 से अधिक विश्लेषणों से जानकारी मिली है कि अगली सदी में इंसानों के खत्‍म होने की संभावना 10,000 में 1 है। लिहाजा फिलहाल इसकी चिंता कम या न के ही बराबर है कि 2019-PDC की कोई भी चीज धरती से नहीं टकराएगी। उन्‍होंने बताया कि यह केवल एक अभ्‍यास मात्र था।

चडस की बात भले ही एक मजाक या एक अभ्‍यास मात्र रहा हो, लेकिन इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता है कि अंतरिक्ष में एक नहीं हजारों की संख्‍या में एस्‍ट्रॉयड मौजूद हैं। इनमें कुछ छोटे तो कुछ इतने विशाल हैं कि वह यदि धरती से टकरा जाएं तो वास्‍तव में धरती पर तबाही ला सकते हैं। फरवरी 2013 में यह नजारा धरती पर देखा जा चुका है जब 17-20 मीटर के चेलायाबिन्सक क्षुद्रग्रह के टकराने से काफी नुकसान हुआ था। इसके अलावा 2018 में एक क्षुद्रग्रह धरती के वायुमंडल में आकर यहां टकराने से पहले ही बिखर गया था। इसको बोत्सवाना के आसमान बेहद तेज रोशनी के साथ देखा गया था। इसकी खोज के समय इसे 2018 एलए का नाम दिया गया था। हालांकि इसका आकार छोटा ही था और इसके धरती पर तबाही मचाने की आशंका न के ही बराबर थी। लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है कि बड़े एस्‍ट्रॉयड भविष्‍य में धरती पर नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं।

पहचाने जा चुके हैं ये एस्‍ट्रॉयड  

क्‍या होते हैं एस्‍ट्रॉयड
आपको यहां पर बता दें कि एस्‍ट्रॉयड बेल्‍ट हमारे सौरमंडल का एक ऐसा क्षेत्र है जो एक क्षेत्र है जो मंगल और बृहस्पति ग्रह की कक्षाओं के बीच स्थित है। इसमें छोटे और बड़े हजारों एस्‍ट्रॉयड मौजूद हैं। इनमें एक 950 किमी के व्यास वाला सीरीस नाम का बौना ग्रह भी है जो अपने अपने गुरुत्वाकर्षक खिचाव से गोल अकार पा चुका है। इतालवी खगोलवेत्ता पीआज्जी ने इस क्षुद्रग्रह को जनवरी 1801 में खोजा था। केवल 'वेस्टाल' ही एक ऐसा क्षुद्रग्रह है जिसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है। इसी क्षेत्र में वॅस्टा, पैलस और हाइजिआ नामक एस्‍ट्रॉयड भी तलाश किए जा चुके हैं। दरअसल यह एस्‍ट्रॉयड सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लेकिन छोटे आकार की वजह से इन्‍हें ग्रह नहीं कहा जाता है। हमारे सौरमंडल में करीब एक लाख एस्‍ट्रॉयड मौजूद हैं, जो अलग-अलग आकार के हैं। हिडाल्गो, हर्मेस, ऐरोस नामक क्षुद्रग्रह पृथ्वी से कुछ लाख किलोमीटर की ही दूरी पर हैं। ऐरोस एक छोटा क्षुद्रग्रह है जो क्षुद्रग्रहों की कक्षा से भटक गया है तथा प्रत्येक सात वर्षों के बाद पृथ्वी से 256 लाख किलोमीटर की दूरी पर आ जाता है। इसकी खोज 1898 में जी विट ने की थी।

अक्टूबर 1991 में गलेलियो यान एस्‍ट्रॉयड 951 गैसपरा के पास से गुजरा था। गैलीलियो ने एस्‍ट्रॉयड 243 इडा की नजदिक से तस्वीरे ली थी। टाउटेटीस, कैस्टेलिया, जीओग्राफोस, वेस्ता, 2 पालास, 4 वेस्ता और 10 हाय्जीया भी एस्‍ट्रॉयड ही हैं। ये 400 किमी और 525 किमी के व्यास के बीच है। बाकि सभी क्षुद्र ग्रह 340 किमी व्यास से कम के है। धूमकेतु, चन्द्रमा और क्षुद्र ग्रहों के वर्गीकरण में विवाद है। कुछ ग्रहों के चन्द्रमाओं को क्षुद्रग्रह कहना बेहतर होगा जैसे- मंगल के चन्द्रमा फोबोस और डीमोस, गुरु के बाहरी आठ चन्द्रमा, शनि का बाहरी चन्द्रमा फोएबे वगैरह। सौरमंडल के बाहरी हिस्‍से में स्थित सेंटारस, 2060 शीरॉन, 5335 डेमोकलस, 5145 फोलुस भी एस्‍ट्रॉयड की ही श्रेणी में आते हैं।

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