North Korea के तानाशाह Kim Jong Un की इस 'बड़ी बात' से America सहित दुनिया के अन्य देश दहशत में
तानाशाह किम जोंग उन ने अपनी सेना को हाई एलर्ट मोड पर रखा है। इसका मतलब है कि वो कम समय में कोई भी बड़ा सैनिक अभियान छेड़ सकते हैं। इसमें परमाणु हमला भी शामिल है।
प्योंगयांग। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नॉर्थ कोरिया को अपने परमाणु कार्यक्रमों और परीक्षणों को बंद करने के लिए कहते रहते हैं मगर नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन पर उनकी किसी बात का कोई असर नहीं पड़ता है।
तानाशाह हथियारों के मामले में अपने को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया में ऐसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए तमाम प्रतिबंध भी लगाए मगर उससे तानाशाह का हथियारों को लेकर किए जा रहे प्रशिक्षण और तैयारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वो उसने लगातार जारी रखा हुआ है। इसी कड़ी में अब एक बात और सामने आई है कि नॉर्थ कोरिया ने कम से कम समय में परमाणु हमला करने के लिए कोई नई खोज की है जिससे वो कम से कम समय में नार्थ ईस्ट एशिया में कहीं भी परमाणु हमला कर सकता है।
मालूम हो कि बीते रविवार को नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने केंद्रीय सैन्य आयोग की बैठक बुलाई थी। नॉर्थ कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी केसीएनए के अनुसार इस बैठक में सशस्त्र बलों को एक उच्च सतर्कता अभियान पर एलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ये भी कहा गया कि देश के सशस्त्र बलों के निर्माण और विकास के काम आगे बढ़ाए जाएं।
इन बातों को जानने के बाद ही विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की कि किम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट संदेश भेज रहे हैं कि वह कम सूचना पर परमाणु हमला शुरू कर सकते हैं। इसके लिए वो पूरी तरह से तैयार भी हैं। सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के एक प्रोफेसर चो डोंग-जून ने बताया कि इस बैठक में जिस तरह से सेना को हाई अलर्ट ऑपरेशन पर रहने के लिए कहा गया है, ऐसे शब्द का उपयोग करना पहली बार है। इसका एक मतलब ये निकलता जहां परमाणु हथियारों का उपयोग बहुत कम समय में किया जा सकता है। उनका कहना है कि नॉर्थ कोरिया तानाशाह ने सेना के साथ अपनी मीटिंग में ऐसी बात कही है इसके यही मायने निकलते हैं।
कोरिया रिसर्च इंस्टीट्यूट फ़ॉर मिलिट्री अफेयर्स के एक वरिष्ठ शोधकर्ता द्वारा डॉन्ग-जून ने भी ऐसी बातों का समर्थन किया है। रयु सुंग-योब ने कहा कि इसका मतलब है कि नॉर्थ कोरिया पूर्वोत्तर एशिया में कहीं भी तुरंत परमाणु हमला करने में सक्षम है। जिस तरह से तानाशाह में अपनी सेना के साथ मीटिंग करके बातें की है उसका यही मतलब निकल रहा है।
वैसे भी तानाशाह लगातार अपने परमाणु कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहा है। उसने अमेरिका की तमाम पाबंदियों को भी इसके लिए नजर अंदाज कर दिया। इसका एक सीधा मतलब ये भी निकल रहा है कि तानाशाह पर डोनाल्ट ट्रंप की पाबंदियों का कोई असर नहीं पड़ा, वो अपने बनाए गए प्लान के हिसाब से ही काम कर रहा है और हथियारों के मामले में आगे बढ़ता जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तानाशाह किम जोंग उन को तीन बार अपने परमाणु कार्यक्रम रोकने और रसायनिक हथियारों को बनाने की जिद छोड़ने के लिए कह चुके हैं मगर तानाशाह ने ये दोनों चीजें जारी रखीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप तानाशाह किम जोंग उन से इस बारे में बात करने के लिए तीन बार मिल चुके हैं, उनकी पहली मुलाकात सिंगापुर, हनोई में और दो कोरिया के बीच के इलाके में हो चुकी है। इन तीनों मुलाकातों का कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया है। दोनों पक्ष अपने संबंधित एजेंडों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं दिखाई दिए।
अमेरिका चाहता है कि नॉर्थ कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को ही नहीं बल्कि अपने रासायनिक और जैविक हथियारों को भी त्याग दें। मगर वो सुनने को तैयार नहीं है। अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद तानाशाह ने अपने ट्रंप से कहा कि वो लगाए गए प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दे दें, ढील के बदले किम ने योंगब्योन में अपने परमाणु संयंत्र को बंद करने की पेशकश की थी मगर ट्रंप इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने जैविक हथियारों को भी त्यागने और रिसर्च बंद करने के लिए कहा।
अपने ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों से तानाशाह किम जोंग उन खासा नाराज हो गया, क्रिसमस से पहले अमेरिका को धमकाते हुए किम ने कहा कि वो अमेरिका को एक क्रिसमस उपहार भेज देंगे। जिसका नतीजा बुरा होगा। नॉर्थ कोरिया के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका अपनी हर बात मनवाना चाहता है मगर वो सामने वाली को कोई बात नहीं सुनना चाहता।
अमेरिका के मामलों पर काम कर रहे उत्तर कोरियाई विदेश मंत्रालय के पहले उपाध्यक्ष री थे सोंग ने कहा कि अमेरिका में इसी साल चुनाव है, ऐसे में ट्रंप जनता में हर बात मनवाने का संदेश देना चाहते हैं जिससे चुनाव में उनको लाभ हो सके मगर कोरिया मानने को तैयार नहीं है। इससे पहले कि मई माह में किम जोंग उन एक उर्वरक कारखाने के उद्घाटन के मौके पर देखे गए थे, उसके बाद वो सेना के साथ मीटिंग करते नजर आए।
इसी वजह से इस महीने की शुरुआत में, नई खुफिया रिपोर्टों ने संकेत दिया कि किम अपने घातक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए विशाल भंडारण का निर्माण करने के लिए लगे हुए थे। 1980 के दशक में लड़ाकू विमानों को आश्रय और सुरक्षा के लिए बनाई गई अंडरग्राउंड जगह पर इसका नया बेस बनाया जा रहा है। यह प्योंगयांग के मुख्य हवाई अड्डे के करीब स्थित है और इसमें ह्वासोंग -15 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (आईसीबीएम) भी रखी जा सकती है। ये जगह इन चीजों को छिपाकर रखने के लिए काफी बड़ी हैं।
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