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ओजोन परत में छेद तीन दशक में सबसे छोटा

पृथ्वी को बचाने वाला ओजोन परत इस साल पिछले तकरीबन तीन दशकों में सबसे कम क्षतिग्रस्त हुआ है। नासा ने सेटेलाइट से जुटाई सूचनाओं के हवाले से यह जानकारी दी है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 03 Nov 2017 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 03 Nov 2017 07:56 PM (IST)
ओजोन परत में छेद तीन दशक में सबसे छोटा
ओजोन परत में छेद तीन दशक में सबसे छोटा

वाशिंगटन, प्रेट्र। वायु प्रदूषण से त्रस्त दुनिया के लिए एक अच्छी खबर है। पराबैंगनी किरणों (अल्ट्रावॉयलेट रे) से पृथ्वी को बचाने वाला ओजोन परत इस साल पिछले तकरीबन तीन दशकों में सबसे कम क्षतिग्रस्त हुआ है। नासा ने सेटेलाइट से जुटाई सूचनाओं के हवाले से यह जानकारी दी है। वैज्ञानिकों ने बताया कि वर्ष 2017 में ओजोन परत में छेद 1988 के बाद सबसे छोटा रहा है। अंटार्कटिका के ऊपर हर साल सितंबर में ओजोन परत में छिद्र बनता है।

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नासा वैज्ञानिकों ने बताया कि इस साल ओजोन परत में छिद्र का दायरा 76 लाख वर्ग मील (1.22 करोड़ वर्ग किलोमीटर) रहा। यह 11 सितंबर को सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंचा था। वर्ष 2016 में यह 89 लाख वर्ग मील (1.43 करोड़ वर्ग किलोमीटर) था। नासा के अनुसार, ओजोन परत में हर साल मध्य सितंबर तक छिद्र का निर्माण होता है। उसके बाद अक्टूबर तक उसका दायरा सिमटता जाता है। नेशनल ओशीएनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) पृथ्वी पर लगे उपकरणों और गुब्बारे के जरिये ओजोन परत में सालाना होने वाले छिद्र को मापता है। नासा और एनओएए साथ मिलकर ओजोन में बनने वाले छिद्र की निगरानी करता है।

नासा के पॉल न्यूमैन ने बताया कि ओजोन में होने वाला छिद्र इस साल आश्चर्यजनक रूप से कमजोर रहा है। उन्होंने इसके लिए अंटार्कटिका के ऊपर समतापमंडल (स्ट्रैटोस्फेयर) के मौसम में बदलाव को जिम्मेदार माना है। वैज्ञानिकों ने ओजोन परत के छिद्र के दायरे में कमी के लिए प्रदूषण के स्तर में कमी के बजाय प्राकृतिक स्थिति को जिम्मेदार माना है।

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