कोविड -19 वैक्सीन के मानव परीक्षण का एक चरण पूरा, अब व्यापक पैमाने पर होगा टेस्ट
माडर्ना कंपनी अक्टूबर तक अपनी कोविड-19 वैक्सीन का व्यापक तौर पर परीक्षण पूरा कर लेगी। अभी इसको 45 लोगों पर टेस्ट किया गया है जो सफल रहा है।
वाशिंगटन (न्यूयॉर्क टाइम्स)। बायोटेक कंपनी मॉडर्ना ने कोरोना वायरस के लिए बनाई गई वैक्सीन के सफल ट्रायल का दावा किया है। खबर के मुताबिक 45 लोगों के ऊपर इसका प्रयोग करने के बाद इसको सफल पाया गया है। न्यू इंग्लैंड जरनल ऑफ मेडिसिन में इसकी एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि ये वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ ये इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। इस वैक्सीन को नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शन डिजीज के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। आपका ेबता दें कि ये पहली ऐसी वैक्सीन है जिसका क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। इसका एक अन्य चरण 27 जुलाई से शुरू होगा जिसमें 30 हजार लोग शामिल होंगे। इस ट्रायल में शामिल होने वाले प्रतिभागियों में से आधे एक कंट्रेाल ग्रुप से होंगे प्लेसबोस प्राप्त करेंगे।
उम्मीद की जा रही है कि इसका एक बड़ा ट्रायल अक्टूबर के अंत तक पूरा हो जाएगा। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि एक बार सफल और सुरक्षित होने के बाद भी ये प्रभावशाली होगी। इसके लिए ट्रायल के दौरान ये बात सामने आनी जरूरी है कि जिनको ये टीका लगाया गया था, उन्हें प्लेसबो पाने वालों की तुलना में वायरस को अनुबंधित करने की काफी कम संभावना थी। इसके जल्द परिणाम पाने का एक जरिया ये भी हो सकता है कि इसको हॉट स्पॉट में अधिकतर टेस्ट किया जाए और उन जगहों में हाईरिस्क लोगों पर स्टडी की जाए। खबर में ये भी कहा गया है कि दर्जनों कंपनियां वैक्सीन को बनाने में जुटी हैं, लेकिन इसका मरीजों पर सफल प्रयोग ही केवल एकमात्र उम्मीद है। हालांकि जानकार ये भी मानते हैं कि इस वायरस के खात्मे के लिए एक से अधिक वैक्सीन की जरूरत होगी। जानकारों का तर्क है कि कोई भी एक कंपनी अकेलेही वैक्सीन या दवा की अरबों खुराक तैयार नहीं कर सकती है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी की वीरोलॉजिस्ट डॉक्टर एंजेला रासमुसेन का कहना है कि जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं होगा तब तक हम भी सुरक्षित नहीं है। ये केवल हमारे लिए ही जरूरी नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए जरूरी है। मॉडर्ना कंपनी ने वैक्सीन बनाने के लिए वायरस के जेनेटिक मेटिरियल का इस्तेमाल किया गया है। इसको mRNA नाम दिया गया है।
कंपनी का कहना है कि इसके रिजल्ट अभी शुरुआती दौर में है। इसमें ये भी कहा गया है कि इस टेस्टिंग में शामिल किए गए सभी 45 लोग 18 से 55 वर्ष की आयु के थे। इस वैक्सीन को विकसित करने वाली टीम के प्रमुख और वायरल इम्यूनोलॉजिस्ट डॉक्टर किजमेकिया ए कोरबेट का कहना है कि इसके अभी तक मिले रिजल्ट उम्मीद से कहीं बेहतर हैं। इसके दूसरे चरण मं सभी प्रतिभागियों में एंटीबॉडीज विकसित होंगी जो लैब टेस्ट में वायरस को निष्कर्य करेंगे। ये टीसेल पर भी प्रभावशाली होगी। कंपनी के मुताबिक इसके परिणाम का खुलासा उसके शेयर की कीमतों को प्रभावित कर सकता है। लिहाजा इस पर उसका विरोध करना भी जायज है। कंपनी इसके एक्चुअल डाटा को कुछ समय के बाद सभी के सामने रखेगी।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि रूस के सेचेनोव यूनिवर्सिटी ने कुछ ही समय पहले ये दावा किया था कि दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन तैयार करने वह सबसे आगे रही है। इसका नाम Gam-COVID-Vac Lyo रखा गया है। यूनिवर्सिटी के मुताबिक, इंसानों पर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है। यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल पैरासिटोलॉजी ट्रॉपिकल एंड वेक्टर-बॉर्न डिसीज के डायरेक्टर एलेक्जेंडर लुकाशेव का कहना है, हमारा मकसद इंसानों को सुरक्षा देने के लिए कोविड-19 की वैक्सीन को सफलतापूर्वक तैयार करना था। उनके मुताबिक, सुरक्षा के लिहाज से वैक्सीन की जांच की जा चुकी है। उम्मीद है कि यदि यह सितंबर तक बाजार में उपलब्ध हो जाएगी