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America में बीते 60 सालों से जारी है नस्लीय हिंसा, जानिए कब-कब भड़का शहर में दंगा

अमेरिका में बीते 60 सालों से नस्लीय हिंसा हो रही है। हर बार जब वहां नस्लीय हिंसा होती है तो इसी तरह के नजारे सामने आते हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 06:09 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:28 AM (IST)
America में बीते 60 सालों से जारी है नस्लीय हिंसा, जानिए कब-कब भड़का शहर में दंगा
America में बीते 60 सालों से जारी है नस्लीय हिंसा, जानिए कब-कब भड़का शहर में दंगा

वाशिंगटन। ये पहला मौका नहीं है जब अमेरिका में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं और हालात यहां तक खराब हो चुके हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बंकर में छिपना पड़ा हो। अमेरिका में बीते 60 सालों से नस्लीय हिंसा हो रही है। यहां काले-गोरे का भेद अब तक खत्म नहीं हो सका है। हर बार जब इस तरह की चीजें होती हैं तो अमेरिका की सड़कों पर ताड़व देखने को मिलता है उसके बाद भी बीते 60 सालों में इस पर रोक नहीं लग पाई है।

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अमेरिका के शहरों में अक्सर देखने में आता है कि पुलिस वहां अश्वेत पुरूषों को तमाम तरह के बहानों से रोकती है, उनको जबरन पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया जाता है और प्रताड़ित किया जाता है। उसके बाद प्रताड़ित होने वाले और उसके साथियों का गुस्सा फुटता है वो यहां शहर की सड़कों पर दिखाई पड़ जाता है। बीते तीन दिनों से अमेरिका के तमाम शहरों में इसी तरह का तांडव जारी है।

अब पुलिस ने इस पर रोक के लिए कर्फ्यू लगाया है। डीडब्ल्यूए वेबसाइट ने भी अमेरिका में बीते 60 सालों में हुई नस्लीय हिंसा पर डिटेल स्टोरी छापी है। स्टोरी के अनुसार अमेरिका में बहुत ही छोटी-छोटी बातों की वजह से अश्वेत लोगों को परेशान किया जाता है। जिसकी वजह से वो इतने आक्रामक होकर प्रदर्शन करते हैं और शहर की शांति व्यवस्था को ध्वस्त कर देते हैं। 

इन-इन सालों में अमेरिका में हुई नस्लीय हिंसा

अगस्त 1965 

लॉस एजेंलिस शहर में पुलिस ने आईडेंटिटी चेक के लिए दो अश्वेत पुरुषों को रोका और फिर उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया। फिर पुलिस पर आरोप लगा कि उसने ऐसा नस्लीय घृणा के चलते किया। इसके बाद 11-17 अगस्त तक शहर के एक हिस्से में भयानक दंगे हुए, इस दंगे में 34 लोगों की मौत हुई।

जुलाई 1967 

दो श्वेत पुलिस अधिकारियों ने एक मामूली ट्रैफिक नियम उल्लंघन के लिए एक अश्वेत टैक्सी ड्राइवर को गिरफ्तार किया और उसे बुरी तरह से पीटा। इसके बाद नेवार्क में 12-17 जुलाई तक दंगे हुए। 26 लोगों की मौत हुई और 1,500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। इसके हफ्ते भर बाद डेट्रॉएट और मिशीगन में भी दंगे हुए, वहां 43 लोग मारे गए और 2,000 से ज्यादा घायल हुए।

अप्रैल 1968 

मार्टिन लूथर किंग की हत्या के बाद टेनेसी में हिंसा भड़ गई। 4 से लेकर 11 अप्रैल तक चले इन दंगों में 46 लोग मारे गए और 2,600 से ज्यादा घायल हुए। हिंसा इस कदर भड़की कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन को दंगा रोकने के लिए सेना भेजनी पड़ी।

मई 1980 

दिसंबर 1979 में चार श्वेत पुलिस अधिकारियों पर एक अश्वेत मोटर साइकिल सवार को पीट पीटकर मार डालने का आरोप लगा। सुनवाई के बाद मई में पुलिस अधिकारियों को बरी कर दिया गया। इससे नाराज अश्वेत समुदाय ने मियामी लिबर्टी सिटी में भारी हिंसा की। चार दिन के दंगों में 18 लोग मारे गए। 

अप्रैल 1992 

लॉस एंजेलिस के दंगों में 59 लोग मारे गए। अश्वेत कार चालक की पिटाई के वीडियो बनाने वाले श्वेत पुलिस अधिकारियों की रिहाई की वजह से ये दंगे हुए। यह दंगे अटलांटा, कैलिफोर्निया, लॉस वेगस, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और सैन जोस में भी फैले।

अप्रैल 2001 

19 साल के अश्वेत युवक टिमोथी थॉमस को एक पुलिस अधिकारी ने मार डाला। इसके बाद सिनसिनैटी शहर में दंगे भड़क उठे। चार रातों तक शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा।

अगस्त 2014 

श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों एक निहत्थे अश्वेत किशोर की मौत के बाद फर्गुसन शहर में दंगे हुए। 9-19 अगस्त तक हुई हिंसा में काफी आर्थिक नुकसान हुआ। नवंबर में आरोपी पुलिस अधिकारी से हत्या की धाराए हटाने के बाद शहर में फिर तनाव लौट आया।

अप्रैल 2015 

25 साल के अश्वेत युवा फ्रेडी ग्रे को गिरफ्तार करते समय पुलिस ने इतनी ताकत लगाई कि युवक की पुलिस वैन में मौत हो गई। फ्रेडी की गिरफ्तारी का वीडियो भी सामने आया। वीडियो के प्रसारित होने के बाद बाल्टीमोर में भारी हिंसा हुई जिसके इमरजेंसी लगानी पड़ी। 

सितंबर 2016 

पुलिस फायरिंग में 43 साल के कीट लैमॉन्ट स्कॉट की मौत के बाद शारलोटे शहर में दंगे हुए। प्रशासन को हिंसा रोकने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना बुलानी पड़ी।

मई 2020 

मिनियापोलिस शहर में पुलिस अधिकारियों ने जॉर्ज फ्लॉएड नाम के एक अश्वेत शख्स को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान फ्लॉएड ने पुलिस को अपनी बीमारी के बारे में बताया। इसके बावजूद पुलिस अधिकारियों ने उन पर ताकत आजमाई। फ्लॉएड की मौके पर ही मौत हो गई। उनकी मौत के एक दिन बाद से ही अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं।  

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