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गोलगप्पे बेचने पर मजबूर 'सीता'

गोलगप्पे बेच रही एथेंस स्पेशल ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतने वाली सीता साहू की कहानी मीडिया में आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को रीवा की इस बालिका के लिए एक लाख रुपये की राशि स्वीकृत की।

By Edited By: Published: Sat, 13 Apr 2013 12:34 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2013 09:15 AM (IST)
गोलगप्पे बेचने पर मजबूर 'सीता'

भोपाल। गोलगप्पे बेच रही एथेंस स्पेशल ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतने वाली सीता साहू की कहानी मीडिया में आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को रीवा की इस बालिका के लिए एक लाख रुपये की राशि स्वीकृत की।

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सीता ने 2011 में एथेंस के विशेष ओलंपिक में 200 मीटर और 1600 मीटर की दौड़ में कांस्य पदक जीते थे। जब टीम एथेंस के लिए रवाना हो रही थी तब प्रदेश के पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव ने घोषणा की थी कि जो भी खिलाड़ी पदक जीत कर लाएगा उसे राज्य सरकार की और से पुरस्कृत किया जाएगा।

उन्होंने स्वर्ण पदके लाने वाले को एक लाख, रजत पदक विजेता को 75 हजार और कांस्य पदक विजेता को 50 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। रीवा निवासी गरीब परिवार की सीता साहू द्वारा दो पदक जीतने के बावजूद प्रदेश सरकार अपना किया गया वादा भूल गई। सीता के पिता चाट की दुकान लगाते हैं और पिछले दिनों बीमार होने के कारण सीता गोलगप्पे बेचने को मजबूर हो गई और इस वजह से उसका स्कूल जाना भी छूट गया था। सीता का कहना है कि वह पढ़ाई के साथ-साथ आगे भी खेलना चाहती है, लेकिन पारिवारिक मजबूरी के चलते उसे ठेले पर गोलगप्पे बेचने पड़ रहे हैं।

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