टीएफए बना जेएसए लीग का सरताज
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) ने अपनी ख्याति के अनुरुप प्रदर्शन क
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) ने अपनी ख्याति के अनुरुप प्रदर्शन करते हुए जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में खेले गए प्रीमियर डिवीजन फुटबॉल लीग में पुराने प्रतिद्वंद्वी टाटा मोटर्स को 3-0 से पराजित कर खिताब पर कब्जा बरकरार रखा। गत वर्ष भी टीएफए चैंपियन रहा था, जबकि 2014 में टाटा मोटर्स ने बाजी मारी थी।
टीएफए ने आक्रामक शुरुआत की। मैदान में उतरते ही टीएफए के शावकों ने तहलका मचाना शुरू कर दिया। खेल के 12वें मिनट में सृंजोय दत्ता ने बेहतरीन गोल कर टीम को शुरुआती बढ़त दिला दी। अभी इस झटके से टाटा मोटर्स उबरने की कोशिश ही कर रहा था कि कुकी सेन्यो ने 17वें मिनट में साथी खिलाड़ी द्वारा दिए गए पास को गोल में तब्दील कर टाटा मोटर्स को दूसरा झटका दे दिया। दो गोल खाकर बौखलाई टाटा मोटर्स की सेना ने जवाबी हमला तो किया, लेकिन वह टीएफए के अभेद्य रक्षा पंक्ति को भेद पाने में असफल रहा। उधर, टीएफए के शावक ताबड़तोड़ हमला करना शुरू कर दिया। खेल के 25वें मिनट में कुकी सेन्यो ने टीम के लिए तीसरा गोल कर टाटा मोटर्स को सकते में डाल दिया। मध्यांतर तक टीएफए 3-0 से आगे थी। मध्यांतर के बाद टाटा मोटर्स ने कई प्रयास किए, लेकिन आपसी तालमेल के अभाव में उन्हें सफलता नहीं मिल पाई।
विजेता व उपविजेता टीमों को टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (सीएस) सुनील भास्करन ने विजेता व उपविजेता टीमों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर मुकुल विनायक चौधरी, पीके कुंडू, एसबी सिंह, बीएन महतो, पिथो सोरेन, केएस प्रसाद, जे बेहरा, जीबी सिंह, हसन इमाम मलिक, सतीश सिंह, रेणु भादुड़िया आदि मौजूद थे।
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टीएफए में दिखी अनुशासनहीनता
उधर, 3-0 से बढ़त बनाने वाली टाटा फुटबॉल अकादमी की टीम पूरे मैच के दौरान अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा पार करती दिखी। देश का सबसे पुराना पेशेवर अकादमी के खिलाड़ियों से इस तरह की व्यवहार की उम्मीद न तो दर्शकों को थी और न ही विरोधी टाटा मोटर्स की टीम को। मैच के दौरान कई बार खिलाड़ी मुख्य रेफरी नवीन सुंडी से भिड़ते दिखे। विशाल दास को इसी के लिए 31वें मिनट पीला कार्ड दिखाया गया था। लेकिन दूसरे हाफ में जब उनके जगह पर वैकल्पिक खिलाड़ी को मैदान पर उतारा जा रहा था, तो वे जानबूझ कर साथी खिलाड़ियों से हाथ मिला रहे थे, ताकि समय बर्बाद हो सके। रेफरी ने उनकी यह चालाकी पकड़ लिया और रेड कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर कर दिया। बस क्या था, टीएफए के खिलाड़ी रेफरी से झगड़ने लगे। हालांकि अन्य साथियों ने मामले को शांत किया। उधर, प्रवीण व दो गोल करने वाले कुकी सेन्यो को भी पीला कार्ड दिखाया गया।
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मोहन व गोरा बने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
पंडित रघुनाथ मुर्मू मेमोरियल क्लब के मोहन सोरेन को सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें रमेश मेहता स्मारक ट्रॉफी मिला। वहीं पूरे लीग में दस गोल करने वाले टाटा मोटर्स के गोराचंद मार्डी को पी विजय कुमार ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
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रमेश लाला को मिला सम्मान
फुटबॉल सब कमेटी के सदस्य रमेश लाला को जेएसए में 27 वर्ष तक योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। वह 1989 में जेएसए सब कमेटी में पहली बार शामिल हुए थे। रमेश लाला ने इसके लिए जेएसए व टाटा स्टील के प्रति आभार प्रगट किया।
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