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लगा जैसे अभी जंगल से निकल आए हों..

देवनाथ माईती, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में

By Edited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 02:47 AM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 02:47 AM (IST)
लगा जैसे अभी जंगल से निकल आए हों..
लगा जैसे अभी जंगल से निकल आए हों..

देवनाथ माईती, मेदिनीपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सोमवार की शाम जब जयंत समेत सात माओवादी पहुंचे तो ऐसा लगा मानो वे सीधे जंगल से निकल कर आए हों। उनके शरीर पर सैनिकों जैसी पोशाक थी और हाथों में असलहे। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में जयंत की पत्नी मानसी महतो और दिलीप ¨सह की पत्नी मालती उर्फ पारुल एक शब्द भी नहीं बोल पाई। वे बस चुप ही रही। अलबत्ता जयंत व अन्य ने अपनी प्रतिक्रिया में यही कहा कि वे ¨हसा, खूनखराबा और जंगलों में फरारी जीवन जीते हुए तंग आ चुके थे। इसीलिए उन्होंने समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। अब वे साधारण जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। इस मामले में सरकार द्वारा प्रस्तावित पुनर्वास पैकेज ने भी उन्हें समाज की मुख्यधारा में लौटने को उत्प्रेरित किया। दूसरी ओर जयंत समेत अन्य को देख कर यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि इन लोगों ने सांकराइल थाने पर हमला, थाना प्रभारी का अपहरण, शिल्दा स्थित ईएफआर कैंप पर हमला जैसी लोमहर्षक घटनाओं को अंजाम दिया होगा। पुलिस के समक्ष सरेंडर करने वाले माओवादी बिल्कुल सहज नजर आ रहे थे।


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