पांच परीक्षार्थी एक बेंच में बैठकर दे रहे परीक्षा
संवाद सूत्र, मालदा : कहीं एक बेंच में बैठकर परीक्षा दे रहे हैं पांच परीक्षार्थी, तो कहीं साइकिल स्टै
संवाद सूत्र, मालदा : कहीं एक बेंच में बैठकर परीक्षा दे रहे हैं पांच परीक्षार्थी, तो कहीं साइकिल स्टैंड में बैठकर परीक्षा दे रहे हैं। गौड़बंग विश्व विद्यालय के अंतर्गत बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा में मालदा कॉलेज में यह दृश्य देखा गया। दरअसल परीक्षा के नाम पर मजाक हुआ। इसे लेकर विश्व विद्यालय प्रबंधन व कॉलेज प्रबंधन के बीच कीचड़ उछाला जा रहा है। गुरुवार से गौड़बंग विद्यालय के अंतर्गत मालदा व उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर के 25 कॉलेजों में प्रथम वर्ष की परीक्षा शुरू हुई है। कुल परीक्षार्थियों की संख्या है एक लाख 10 हजार। परीक्षा केंद्र में 20 केंद्र है। सीसीटीवी कैमरे के जरिए ई-मानीट¨रग प्रक्रिया के तहत नकल रोकने को निगरानी व्यवस्था शुरू की गई है। इस परीक्षा को लेकर कई दिनों से गौड़बंग विश्व विद्यालय के साथ मालदा कॉलेज का विरोध शुरू हुआ। मालदा कॉलेज के प्राचार्य उत्तम सरकार की शिकायत है कि कॉलेज में जो ढांचा है उसमें डेढ़ हजार परीक्षार्थी परीक्षा दे सकेंगे, लेकिन इस जगह में करीब 4500 छात्र-छात्राओं की परीक्षा की सीट की व्यवस्था करने का निर्देश गौड़बंग विश्व विद्यालय ने दिया है। इस वजह से एक बेंच में दो बजाय पांच परीक्षा में शामिल होने को बाध्य होंगे। परीक्षा की व्यवस्था तिरपाल लगाकर मैदान या साइकिल स्टैंड में करना होगा, लेकिन विश्व विद्यालय प्रबंधन कॉलेज प्रबंधन के इस आरोप को नजरअंदाज करते हुए साढ़े चार हजार परीक्षार्थियों की परीक्षा देने का निर्देश कॉलेज प्रबंधन को दिया। इस वजह से परीक्षा लेने की व्यवस्था विश्व विद्यालय प्रबंधन ने किया। आखिरकार कॉलेज के प्राचार्य की आशंका सही साबित हुई। शुक्रवार को परीक्षा का दूसरा दिन था। इसी दिन परीक्षा देने के लिए सबसे अधिक छात्र-छात्राएं कॉलेज पहुंचे। एक-एक बेंच में पांच से छह परीक्षार्थी परीक्षा देते देखे गए। अतिरिक्त परीक्षार्थी रहने से कई परीक्षार्थी साइकिल स्टैंड में परीक्षा देते देखे गए। सीसीटीवी कैमरे के जरिए निगरानी रखी गई। मालदा कॉलेज के प्राचार्य उत्तम सरकार ने बताया कि इसके पहले भी इस समस्या की बात कही थी, लेकिन इनलोगों ने कोई महत्व नहीं दिया। विश्व विद्यालय के हमारे शीर्ष प्रबंधन जो निर्देश देंगे उसे मानना होगा। शुक्रवार को करीब साढ़े तीन हजार परीक्षार्थी थे। ऐसे में निगरानी रखने का क्या फायदा होगा? एक बेंच में यदि पांच परीक्षा देते हैं तो यह परीक्षा नहीं मजाक बन जाता हैज्ञ। विश्व विद्यालय के परीक्षा नियामक सनातन दास ने बताया कि मालदा कॉलेज के ढांचे का जायजा लेने के लिए एक कमेटी गठित की गई थी। जो रिपोर्ट दी गई है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि यदि सही इच्छा होती तो वे सही तरीके से परीक्षा की व्यवस्था कर सकते थे, लेकिन ऐसे में यह नहीं हुआ। इस संबंध में उच्च स्तरीय प्रबंधन को अवगत कराया जाएगा।