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विचाराधीन बंदी की संधिग्ध मौत

जेल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप संवाद सूत्र, मालदा : जिला जेल के विचाराधीन एक बंदी की संदिग्ध मौत

By Edited By: Published: Wed, 18 Jan 2017 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jan 2017 05:13 PM (IST)
विचाराधीन बंदी की संधिग्ध मौत
विचाराधीन बंदी की संधिग्ध मौत

जेल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

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संवाद सूत्र, मालदा : जिला जेल के विचाराधीन एक बंदी की संदिग्ध मौत को लेकर मालदा शहर में तनाव फैल गया। आरोप है कि जेल प्रबंधन ने इस बंदी के परिवार को इस संबंध में जानकारी नहीं दी। इसे लेकर मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में मृतक के परिवार के लोगों ने रोष जताया। इस घटना को लेकर जिले के मानवाधिकार संगठनों ने जेल प्रबंधन के विरुद्ध काम में लापरवाही का आरोप लगाया है। इसे लेकर जेल प्रबंधन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मृतक का नाम राजीबूल शेख 32 है। घर कालियाचक थाना क्षेत्र के राजनगर ग्राम पंचायत के कांठालबाड़ी गांव में है। पिछले वर्ष 31 दिसंबर को अपहरण की एक घटना में कालियाचक थाना की पुलिस ने राजीबूल को गिरफ्तार किया था। उसे अदालत में पेश किए जाने पर अदालत ने उसे मालदा जिला जेल में भेज दिया। जहां वह विचाराधीन बंदी के रूप में था। मृतक का बड़ा भाई महीदूर रहमान ने बताया कि मंगलवार रात को उसके भाई के सीने में दर्द थी। कारा रक्षकों को इस संबंध में अवगत कराने पर भी जेल प्रबंधन ने उसे अस्पताल ले जाने की आवश्यकता महसूस नहीं की। इनलोगों ने स्पष्ट रूप से बता दिया कि रुपये नहीं देने पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जाएगा। इसके बाद बीमार राजीबूल के चिल्लाने पर जेल के कर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी। देर रात को राजीबूल की हालत खराब होने से उसे मालदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृतक के परिवार को अस्पताल प्रबंधन से पूरी घटना की जानकारी मिली। तड़के से ही इस परिवार के सदस्य व ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस स्थिति में अस्पताल प्रबंधन व इंग्लिशबाजार थाना की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची एवं स्थिति नियंत्रण में लाई। मृतक के बड़े भाई की शिकायत है कि उसके भाई की पिटाई करने के सबूत उनके पास है। उसके सिर, मुंह व हाथ में चोट के कई निशान हैं। जिला मानवाधिकार संस्था गौड़ बंग ह्यूमन एवरनेस सेंटर के सचिव व मालदा जिला अदालत के अधिवक्ता मृत्युंजय दास ने बताया कि जेल में किसी बंदी की मौत होने पर उसके परिवार को खबर देना जेल प्रबंधन का कर्तव्य होता है लेकिन यहां इस नियम की अनदेखी की गई। मौत का कारण जानने की आवश्यकता है। पोस्टमार्टम के बाद ही इस संबंध में स्पष्ट हो सकेगा। इस मामले में नियम तोड़ा गया। जेल प्रबंधन के विरुद्ध कानूनी कदम उठाये जाएंगे। इस घटना को लेकर जेल प्रबंधन की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। पुलिस प्रशासन के कार्यकर्ताओं से इसे लेकर चुप्पी साध ली है।


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