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Election 2019: प.बंगाल में तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के दोषारोपण के मुुुुददे में खो गया विकास का मुद्दा

कांग्रेस व वामपंथी दल तृणमूल व भाजपा दोनों को हराने के लिए सांप्रदायिकता तुष्टीकरण से लेकर राफेल तक को मुद्दा बनाए हैं। इन सब मुद्दों में कहीं विकास का मुद्दा दब न जाए इसकीआशंका बनी हुई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 12:41 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 12:48 PM (IST)
Election 2019: प.बंगाल में तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के दोषारोपण के मुुुुददे में खो गया विकास का मुद्दा
Election 2019: प.बंगाल में तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के दोषारोपण के मुुुुददे में खो गया विकास का मुद्दा

कोलकाता, [जयकृष्ण वाजपेयी]।  एक तरफ तृणमूल कांग्रेस सांप्रदायिकता व सामाजिक विभेद को चुनावी मुद्दा बनाकर भाजपा को भेदने में जुटी है, वहीं भाजपा पुलवामा हमले व एयर स्ट्राइक पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उठाए गए सवालों को राष्ट्रवाद से जोड़ते हुए तुष्टीकरण के मुद्दे से मात देने की तैयारी में है।

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उधर, कांग्रेस और वामपंथी दल तृणमूल व भाजपा दोनों को हराने के लिए सांप्रदायिकता, तुष्टीकरण से लेकर राफेल तक को मुद्दा बना रहे हैं। इन सब बड़े मुद्दों में कहीं विकास का मुद्दा दब न जाए, इसकी पूरी आशंका बनी हुई है। 

ये वे अहम मुद्दे हैं, जिन पर सभी पार्टियां फ्रंटफुट पर खेलने के लिए चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं, लेकिन इन सबके इतर सियासी हिंसा, चुनावी गड़बड़ी, सात चरणों में मतदान और रमजान में मतदान से लेकर केंद्रीय बलों की तैनाती भी मुद्दे हैं। 

बंगाल को संवेदनशील राज्य घोषित करने की मांग के अलावा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और बंगाल में औद्योगिक निवेश, आयुष्मान भारत व प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करना, सिंडिकेट, चिटफंड भी मुद्दों की सूची में हैं।

बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पिछले पंचायत चुनाव से ही भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए सांप्रदायिक हिंसा, सामाजिक विभेद फैलाने का आरोप लगाती आ रही हैं, इसीलिए उन्होंने ‘यूनाइटेड इंडिया’ का नारा भी दिया और देश की 23 पार्टियों को एक मंच पर ले आई थीं।

ममता ने तो पुलवामा हमले से लेकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक तक पर सवाल उठा दिए। राफेल को लेकर भी सवाल कर रही हैं। सात चरणों में चुनाव का एलान हुआ तो रमजान माह को लेकर भी सवाल उठाया। यही नहीं, भाजपा ने जब चुनाव आयोग से बंगाल को संवेदनशील राज्य घोषित करने की मांग की तो ममता ने पार्टी नेताओं को धरने पर बैठाकर इसे भी बंगाल की अस्मिता से जोड़कर मुद्दा बना दिया। यानी ममता एक भी मुद्दे को हाथ से नहीं जाने देना चाहती हैं। 

वहीं बंगाल से लेकर केंद्रीय स्तर के भाजपा नेता पुलवामा हमले व एयर स्ट्राइक को लेकर ममता द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद तृणमूल को राष्ट्रवाद के मुद्दे पर घेरे हुए हैं। यही नहीं, चुनार्वी हिंसा, मतदान के दौरान गड़बड़ी, बांग्लादेशी घुसपैठ व बांग्लादेश से आए हिंदू मतुआ संप्रदाय के लोगों को नागरिकता देने के लिए लाए गए बिल का विरोध करने का मुद्दा और केंद्रीय योजनाओं को लागू नहीं करना भी भाजपा के बड़े मुुुुददे हैं।

ये हैं बड़े मुद्दे

बांग्लादेशी घुसपैठ व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बिल, एयर स्ट्राइक पर ममता का सवाल,चुनार्वी हिंसा,

केंद्रीय योजनाओं को लागू न करना।


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