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नारद मामले में अभी अदालती हस्तक्षेप जरूरी नहीं: न्यायाधीश

नारद स्टिंग कांड में आरोपी तृणमूल सांसद अपरूपा पोद्दार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एफआइआर को खारिज करने का आवेदन किया था।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 02:46 PM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 03:14 PM (IST)
नारद मामले में अभी अदालती हस्तक्षेप जरूरी नहीं: न्यायाधीश
नारद मामले में अभी अदालती हस्तक्षेप जरूरी नहीं: न्यायाधीश

जागरण संवाददाता, कोलकाता। नारद स्टिंग ऑपरेशन कांड मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआइ जांच में कहां असुविधा है। अभी जब मामले की सीबीआइ जांच चल रही है ऐसे में मामले में अदालती हस्तक्षेप की जरुरत नजर नहीं आ रही है। नारद स्टिंग कांड में आरोपी तृणमूल सांसद अपरूपा पोद्दार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में सीबीआइ द्वारा दायर एफआइआर को खारिज करने का आवेदन किया था। मंगलवार को इसी आवेदन पर सुनवाई के दौरान न्यायाधीश जयमाल्या बागची यह बातें कही।

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अदालत के अनुसार इस दिन सुनवाई के दौरान अपरूपा पोद्दार के अधिवक्ता सिद्धार्थ लुथरा ने कहा कि नारद के स्टिंग वीडियो फुटेज को देखने से यह बिल्कुल प्रतीत नहीं होता कि इसमें दिखने वाला व्यक्ति रिश्वत ले रहा है। फिर सीबीआइ ने किस आधार पर इनके खिलाफ एफआइआर किया है। यह सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि सीबीआइ जांच में क्या असुविधा है।

मामले को देखने से नहीं लगता कि इसमें अदालत को हस्तक्षेप करने की जरुरत है। मामले पर अगली सुनवाई आगामी शुक्रवार को होगी। ज्ञात हो कि नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद गत सप्ताह 13 आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया था। इन 13 लोगों में अपरूपा पोद्दार समेत तृणमूल के 12 नेता, मंत्री व सांसद जबकि एक राज्य के पुलिस अधिकारी हैं। इसके बाद ही अपरूपा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर को खारिज करने का आवेदन किया था।

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