बंगाल में अब कानफोड़ू पटखा जलाने वालों की खैर नहीं
कोई यदि निर्धारित डेसिबल से अधिक ध्वनि वाले पटाखे या फिर साउंड सिस्टम का इस्तेमाल करता है तो वह अब पकड़ में आ जाएगा।
कोलकाता, [राज्य ब्यूरो] । पश्चिम बंगाल में दीपावली व कालीपूजा में इस बार तय सीमा से अधिक आवाज वाले पटाखे जलाने वालों की खैर नहीं। पुलिस को अब एक ऐसी मशीन मिल गई है जो आवाज को तत्काल माप कर उसके आधार पर कानफोड़ू पटाखे जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
इस त्योहारी मौसम में सबसे अधिक परेशानी पटाखे के धमाके व तेज आवाज में लाउडस्पीकर से होती है। इस दौरान वायु के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी काफी बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने पुलिस को ध्वनि प्रदूषण पर नजर रखने के लिए ध्वनि निगरानी मशीन दी है।
पीसीबी की ओर से राज्य पुलिस को 700 साउंड मोनिटर उपलब्ध कराए गए हैं। कालीपूजा-दीपावली की रात को पुलिस वाले उस मशीन को लेकर विभिन्न इलाकों में मौजूद रहेंगे। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष कल्याण रूद्र का कहना है कि यह अभियान दुर्गापूजा से पहले आरंभ हो चुका था। कोई यदि निर्धारित डेसिबल से अधिक ध्वनि वाले पटाखे या फिर साउंड सिस्टम का इस्तेमाल करता है तो वह अब पकड़ में आ जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तक ग्राउंड पर ड्यूटी देने वाले पुलिस कर्मियों के पास ऐसी कोई मशीन नहीं थी कि वे पता लाग सकें कि कहां कितने तेज आवाज में साउंड सिस्टम या फिर पटाखे जलाए जा रहे हैं। अब इस डिवाइस के जरिये पुलिसवाले आन द स्पॉट जान जाएंगे कि ध्वनि प्रदूषण कितना हो रहा है। इस एक डिवाइस को तैयार करने में लागत करीब 7000 रुपये आई है।
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