राष्ट्रपति ट्रंप ने लगाया कारोबारी ट्रंप पर ब्रेक
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से उनके कारोबारी बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर फिलहाल पांच से छह साल किसी भी नए समझौते या कारोबार में हाथ नहीं डालेंगे।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वजह से उनके कारोबारी बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर फिलहाल पांच से छह साल किसी भी नए समझौते या कारोबार में हाथ नहीं डालेंगे। कोलकाता में अत्याधुनिक आवासीय परियोजना ट्रंप टावर का तीन भारतीय कंपनियों यूनीमार्क, ट्रिबेका व आरडीबी ग्रुप के सहयोग से काम जारी है। जूनियर इसी संबंध में बुधवार को कोलकाता में थे।
कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत में जूनियर ने बताया कि पिता के राष्ट्रपति बनने के बाद हमारी कंपनी ने एक नीति अपनाई है। इसके तहत अगले पांच से छह साल तक हम किसी नई परियोजना या समझौते में हाथ नहीं डालेंगे।
ट्रंप के बिजनेस साम्राज्य में रियल इस्टेट करोबार ट्रंप आर्गनाइजेशन के वाइस प्रेसिडेंट डोनॉल्ड ट्रंप जूनियर ने बताया कि भारत में कई परियोजनाओं पर उनकी नजर है। हालांकि हमारी नई नीति नहीं होती तो उसमें से पांच से छह पर हम अभी काम शुरू कर सकते थे। हमारे पिता की संवैधानिक जिम्मेदारियों के कारण हमें उन्हें ना कहना पड़ रहा है। यह मेरे लिए निजी तौर पर एक धक्का है, क्योंकि मैं खुद यहां के कई उद्योगपतियों के संपर्क में हूं और उनसे कारोबारी संबंध गहन कर रहा हूं। हालांकि सभी इसे समझ सकते हैं।
गौरतलब है कि कोलकाता के अलावा ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की आवासीय परियोजनाएं दिल्ली-एनसीआर, पुणे व मुंबई में भी चल रही हैं। जूनियर के अनुसार वह पिछले 20 साल से भारत आ रहे हैं। कारोबार की कठिन राहों पर चलना मैंने यहीं से सीखा है। लेकिन अब मैं यहां के बाजार को लेकर खासा उत्साहित हूं।
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं भारत में लंबे समय तक अपार संभावनाएं हैं और हम सही समय पर यहां पहुंचे, इसे लेकर मैं काफी खुश हूं। जूनियर ने बताया कि उनकी कंपनी रियल इस्टेट के अलावा अन्य क्षेत्र में भी निवेश को इच्छुक है लेकिन अभी इसमें समय लगेगा।
भारत के रियल इस्टेट क्षेत्र में हो रहे बदलाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसे महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह बहुत जरूरी था। हालांकि बाजार के तौर पर भारत के विषय में उन्होंने कोई भविष्यवाणी करने के इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि बाजार के आयाम तेजी से बदल रहे हैं। अगले तीन से सात साल में कई बदलाव सामने आएंगे।