विरासतों का ऐश्वर्य लौटाने में जुटी ऐश्वर्या
कोलकाता में आयोजित समारोह में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंडर जिगलर ने 37 वर्षीय ऐश्वर्या को नाइट ऑफ द लिजिनियर ऑफ ऑनर से विभूषित किया।
कोलकाता, [जागरण संवाददाता]। भारत में फ्रांस की विरासतों के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारतीय आर्किटेक्ट ऐश्वर्या टिपनिस को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। कोलकाता में आयोजित समारोह में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंडर जिगलर ने 37 वर्षीय ऐश्वर्या को नाइट ऑफ द लिजिनियर ऑफ ऑनर से विभूषित किया।
फ्रांस की ओर से कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करनेवालों को यह सम्मान दिया जाता है। 2012 में भारतीय थिएटर के वयोवृद्ध कलाकार अब्राहम अलकाजी को यह सम्मान मिला था। आर्किटेक्ट के क्षेत्र में ऐश्वर्या से पहले यह सम्मान मशहूर आर्किटेक्ट राज रेवाल को मिल चुका है।
टिपनिस ने देश के विभिन्न कोने बनी फ्रांस की विरासत की पहचान के गंभीर प्रयास किए। चंदननगर स्थित फ्रेंच कॉलोनियों का संरक्षण कार्य ने शहरी क्षेत्रों में विरासतों के संरक्षण की पूरी प्रक्रिया को नया आयाम प्रदान किया।
सम्मान से अभिभूत ऐश्वर्या ने कहा कि यह सम्मान साबित करता है कि छोटे प्रयासों से भी बड़े बदलाव हो सकते हैं। बाकौल टिपनिस, दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट (एसपीए) में पढ़ाई के दौरान मेरे साथ रहे साथी आज नई-नई इमारतों की इबारत लिख रहे हैं, मैंने उल्टी दिशा पकड़ ली। मैं ऐतिहासिक महत्व की इमारतों के संरक्षण और उन्हें फिर से इस्तेमाल योग्य बनाने में जुट गई।
टिपनिस ने स्कॉटलैंड(डच) की डुंडी युनिवर्सिटी से युरोपियन अर्बन कंसर्वेशन( शहरी विरासत संरक्षण) में मास्टर की डिग्री हासिल की है।
टिपनिस के काम बोलते हैं
- पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चुंचुंड़ा में स्थित डच विरासतों की पहचान व अहम योगदान जिसे स्कॉलैंड से खासी सराहना मिली
- 2016 में मध्य प्रदेश के महीदपुर किले के संरक्षण में अहम योगदान
-देहरादून के मशहूर दून स्कूल की इमारतों के संरक्षण के लिए स्कूल की सलाहकार।
-युनेस्को के एशिया पैसेफिक इलाके में विरासत संरक्षण के क्षेत्र में घोषित पुरस्कारों की श्रेणी में विशेष उल्लेख।
- चंदननगर में फ्रेंच विरासत को जानने के लिए पिछले एक साल से जारी कार्यक्रम बोनजुर इंडिया 2017-18 की अहम सदस्य
- दार्जिलिंग की विश्व विरासत में शामिल हिमालयन रेल के संरक्षण कार्यक्रम में युनेस्को की संरक्षण प्रबंधन योजना टीम की अहम सदस्य।