कोर्ट के बाहर सुलझाना होगा अयोध्या विवाद: श्रीश्री रविशंकर
श्री श्री ने कहा कि पिछले महीने हुई उनकी अयोध्या यात्रा के समय से उन्हें मुद्दे पर सकारात्मक जवाब मिल रहा है।
कोलकाता, [जागरण संवाददाता] । आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक व आध्यात्मिक धर्मगुरू श्री श्री रविशंकर ने कहा है कि अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का अदालत से बाहर समाधान सर्वश्रेष्ठ होगा और वे इस संबंध में सभी पक्षों से बात करेंगे। महानगर में इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक परिचर्चा सत्र से इतर कहा कि जो हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और आगे भी मेरी कोशिश जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि जो चीज मित्रता से हासिल की जा सकती है, वह संघर्ष से कभी हासिल नहीं की जा सकती। श्रीश्री ने कहा कि मैं और अधिक लोगों से बात करना चाहता हूं। मैं सभी लोगों से बात कर रहा हूं और यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि दोनों समुदायों के लोग एक साथ आए।
उल्लेखनीय है कि बीते महीने आयोध्या विवाद को अदालत से बाहर निपटाने के उद्देश्य से आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और अयोध्या का दौरा किया था। इस बाबत उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि कुछ इस बात से सहमत नहीं होंगे लेकिन मुसलमान राम मंदिर का विरोध नहीं कर रहे हैं भले ही ऐसे लोगों की संख्या अधिक अथवा कम हो सकती है।
श्री श्री ने यह भी कहा कि पिछले महीने हुई उनकी अयोध्या यात्रा के समय से उन्हें मुद्दे पर सकारात्मक जवाब मिल रहा है।
वहीं, विवाद में मध्यस्थता करने के प्रस्ताव पर विश्र्व हिंदू परिषद और अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से उठाए गए सवल पर रविशंकर ने कहा कि जो भी मैं कर सकता हूं अपने व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर कर रहा हूं। हालांकि उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह सरकार के एजेंट हैं।
तीन तलाक के खिलाफ कानून के समर्थन में श्रीश्री
तीन तलाक को अपराध बनाने संबंधी मसौदा कानून को सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद आध्यात्मिक गुर श्री श्री रविशंकर भी शुक्रवार को इसके समर्थन में आए और कहा कि भारत को लैंगिक समानता का सम्मान करना चाहिए। तीन तलाक पर प्रस्तावित कानून के बारे में ऑर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक ने भी कहा कि पुरूष और महिलाओं को समान अधिकार प्राप्त होने चाहिए और उन्होंने हमेशा इस चीज का समर्थन किया है।
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित परिचर्चा सत्र 'वी नेवर लूज, आइदर वी विन ऑर वी लर्न' से इतर श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि हमारे यहां भी लैंगिक समानता होनी चाहिए। हम 21वीं सदी में रह रहे हैं जहां लैंगिक समानता का सम्मान किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने शुक्रवार को एक मसौदा कानून को मंजूरी दे दी जिसके तहत एकसाथ तीन तलाक की प्रथा को गैर-कानूनी और अमान्य बना दिया गया है और पति को इसके लिए तीन साल की जेल हो सकती है।
I am speaking to many stakeholders, both the communities should come together, out of court settlement is the best: Sri Sri Ravi Shankar on Ram Temple issue in Kolkata pic.twitter.com/T7TzWyvK1y— ANI (@ANI) December 15, 2017