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आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए घर-घर में तलाशी

अनुब्रत की धमकी के बाद पुलिस इज्जत बचाने दौड़ रही तो दूसरी ओर जान बचाने के लिए आंदोलन करने वाले कृषि भूमि रक्षा समिति से जुड़े लोग भाग रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 02:14 PM (IST)Updated: Fri, 17 Nov 2017 02:14 PM (IST)
आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए घर-घर में तलाशी
आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए घर-घर में तलाशी

कोलकाता, [जागरण संवाददाता] ।बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल की धमकी के बाद पुलिस पूरी तरह से एक्शन में है। आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करने के लिए जिले के शिवपुर में लगातार छापेमारी कर रही है। इस छापेमारी में तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पूरे गांव से पुरुष भाग गए हैं और सिर्फ महिलाएं व बच्चे हैं। अनुब्रत की धमकी के बाद पुलिस अपनी इज्जत बचाने के लिए दौड़ रही है तो दूसरी ओर जान बचाने के लिए आंदोलन करने वाले कृषि भूमि रक्षा समिति से जुड़े लोग भाग रहे हैं।

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घटना की शुरुआत 2001 वाम मोर्चा के शासनकाल में हुआ था। पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विकास निगम ने बोलपुर से 3 किलोमीटर दूर शिवपुर गांव में उद्योग के लिए 300 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। तब 2011 में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में आई तो उन्होंने पहले घोषणा की गई कि उद्योग के लिए ली गई जमीन पर उद्योग ही लगेगा। परंतु, बाद में 2012 में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वहां फिल्म इंडस्ट्री खुलेगी। जमीनदाता सहमत नहीं थे। 2015 में, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि फिल्म उद्योग नहीं वहां गीतवितान आवासीय कांप्लेक्स व विश्व बांग्ला विश्वविद्यालय स्थापित होगा।

कार्य शुरू होने पर लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया। उन लोगों की मांग है कि वहां उद्योग ही लगे। इसे लेकर बुधवार को किसानों ने एक सभा आयोजित की थी जिसमें भाग लेने के लिए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व विधायक अब्दुल मन्नान तथा माकपा नेता व पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य शिवपुर जा रहे थे। लेकिन तृणमूल समर्थकों ने इन दोनों नेताओं को रास्ते में ही रोक कर विरोध करने लगे। इस दौरान जमीन रक्षा समिति व तृणमूल समर्थकों के बीच मारपीट हुई और बाद में पुलिस ने दोनों नेताओं को इलाके में नहीं जाने दिया। इसी दौरान अनुब्रत मंडल ने पुलिस को धमकी दी कि यदि आंदोलनकारियों को तीन घंटे में गिरफ्तार नहीं किया तो उन सब का घर-बार ध्वस्त करने के साथ ही जला डालेंगे।

साथ ही माकपा व कांग्रेस नेताओं का हाथ-पैर तोड़ने की धमकी भी दे डाली। इसके बाद से पुलिस लगातार छापेमारी कर गिरफ्तारी शुरू कर दी है। यहां सवाल उठ रहा है कि एक नेता के कहने पर पुलिस कैसे किसी को गिरफ्तार कर सकती है। इस संबंध में बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक सुधीर निलकंठ से सवाल पूछा गया कि अनुब्रत के कहने पर पुलिस अति सक्रिय क्यों है। तो उन्होंने कहा कि वे किसी मुद्दे पर बयान देने के अधिकारी नहीं है।


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