देश की पहली ट्रांसजेंडर जज, लोगों को दिलाएंगी उनका हक
देश की लोक अदालत की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता को उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज नियुक्त गया है।
कोलकाता, [जेएनएन]। देश की लोक अदालत की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल लोगों को उनका हक दिलाएंगी। जोयिता को उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर की लोक अदालत में जज नियुक्त गया है। जोयिता इस समुदाय की उन चंद लोगों में से हैं, जिन्होंने तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए कामयाबी हासिल की है।
जोयिता को बचपन से ही काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा था। घरवाले उनकी हरकतों से परेशान होकर उन्हें डांटते थे। स्कूल में उनपर फब्तियां कसी जाती थीं। मजबूरन उन्हें पहले स्कूल छोड़ना पड़ा, फिर 2009 में उन्होंने अपना घर छोड़ दिया।
जब नौकरी के लिए कॉल सेंटर ज्वाइन किया, वहां भी उनका मजाक बनाया जाने लगा। कई बार भीख मांगकर गुजारा करना पड़ा। कहीं पर कोई किराये पर कमरा देने के लिए तैयार नहीं होता था। ऐसे में उन्हें कई बार खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी। बाद में जोयिता एक सामाजिक संस्था से जुड़ गईं और सोशल वर्क को अपने जीवन का आधार बना लिया। 2010 से वह सोशल वर्कर के रूप में काम कर रही हैं। 29 साल जोयिता की लंबी लड़ाई का सुखद अंत हुआ है। जब उत्तर दिनाजपुर की सब डिविजनल लीगल सर्विसेज कमेटी ऑफ इस्लामपुर ने लोक अदालत के जज के रूप में जोयिता को नियुक्त किया। लोक अदालत में नियुक्ति के फैसले से जोयिता काफी खुश हैं। उन्होंने कहा देश में काफी ट्रांसजेंडर्स ऐसी हैं, जिन्हें अगर मौका मिले तो काफी बेहतर कर सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट के 15 अप्रैल 2014 के ऐतिहासिक फैसले के बाद ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर के रूप में एक अलग पहचान मिली। इससे पहले इन्हें पुरुष या महिला के रूप में खुद को दर्शाना होता था। एक अनुमान के मुताबिक भारत में तकरीबन 20 लाख ट्रांसजेडर हैं।