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बंद से चाय बगानों को हुआ भारी नुकसान, चाय बगानों के लिए 100 करोड़ के पैकेज का प्रस्ताव

डीटीए अधिकारी ने कहा बंद वापस लेने के बावजूद करीब 60 चाय बगान कर्मी काम पर नहीं लौटे। इससे बगानों की सफाई एवं फिर से काम शुरू करने में परेशानी ।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 16 Oct 2017 09:55 AM (IST)Updated: Mon, 16 Oct 2017 09:55 AM (IST)
बंद से चाय बगानों को हुआ भारी नुकसान, चाय बगानों के लिए 100 करोड़ के पैकेज का प्रस्ताव
बंद से चाय बगानों को हुआ भारी नुकसान, चाय बगानों के लिए 100 करोड़ के पैकेज का प्रस्ताव

कोलकाता, [जागरण संवाददाता] । टी बोर्ड ने दार्जिलिंग के चाय बगानों के लिए केंद्र के समक्ष 100 करोड़ रुपये के पैकेज का प्रस्ताव रखा है। गौरतलब है कि पृथक राज्य की मांग पर 100 दिनों से अधिक समय तक चले बंद के बाद खुले चाय बगान फिर से परिचालन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।

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टी बोर्ड के अध्यक्ष पीके बेजबरुआ ने बताया-'हमने आर्थिक संकट से जूझ रहे दार्जिलिंग के चाय उद्योग के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के पास 100 करोड़ रुपये के पैकेज का प्रस्ताव रखा है। बंद के दौरान चाय बगानों में उत्पादन पूरी तरह बंद रहा है।' प्राप्त जानकारी के मुताबिक बंद के दौरान बढ़ी चाय की झाडि़यों की कटाई-छंटाई के लिए फंड की मांग की गई है।

बेजबरुआ ने कहा कि सरकार के लिए दार्जिलिंग के 87 चाय बगानों को बंद से हुए नुकसान की भरपाई करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा-'डुआर्स एवं दक्षिण भारत में हरी पत्तियों के दाम गिरने से छोटे चाय उत्पादक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। चाय फैक्टि्रयों को सिर्फ वहन लागत (डीजल का मूल्य) दिया जा रहा है। दूसरी तरफ दार्जिलिंग टी एसोसिएशन (डीटीए) ने मुआवजे के लिए 100 करोड़ रुपये से भी उच्च पैकेज की मांग की है।

डीटीए के एक अधिकारी ने कहा कि बंद वापस लेने के बावजूद अब तक करीब 60 चाय बगान कर्मी काम पर नहीं लौटे हैं। इससे चाय बगानों की सफाई एवं वहां फिर से काम शुरू करने में परेशानी हो रही है।' गौरतलब है कि बंदी के बावजूद चाय बगान मालिकों ने कभी उन्हें बंद करने की घोषणा नहीं की।

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