रुपये के विवाद में दोस्तों ने कर दी थी युवक की हत्या
पुलिस ने भी वारदात की गहराई को देखते हुए सक्रियता दिखाई और एक सप्ताह के भीतर हत्यारोपियों को दबोचकर हत्या की गुत्थी सुलझी दी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बुजुर्गों की एक कहावत मशहूर है पाप का बाप छत पर चढ़कर चिल्लाता है। मतलब गलती करने वालों की गलतियां ही उनके लिए फांस बन जाती हैं। इसकी ताजा बानगी बड़ाबाजार थाना इलाके में देखने को मिली। 9 जुलाई की रात यहां दो दोस्तों ने रुपये की लेन-देन को लेकर केवल अपने दोस्त सुमित सिंह को ही नहीं मारा था बल्कि उस विश्वास की भी हत्या की थी जो खून के रिश्ते से परे दोस्तों पर जमता है।
पुलिस ने भी वारदात की गहराई को देखते हुए सक्रियता दिखाई और एक सप्ताह के भीतर हत्यारोपियों को दबोचकर हत्या की गुत्थी सुलझी दी। इस बार में लालबाजार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 9 जुलाई की रात बड़ाबाजार थाने में फोन आया था कि राजाकटरा के फुटपाथ पर एक व्यक्ति रक्तरंजित हालत में पड़ा हुआ
है। मौके पर पहुंचे पुलिस के जवानों ने उसे अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की लेकिन व्यक्ति ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों ने उसकी पहचान सुमित सिंह के रूप में की।
शव पर चोट के निशान देख पुलिस समझ गई थी कि यह केवल दुर्घटना नहीं है बल्कि इसके पीछे जरूर कोई गहरी साजिश है। इस बीच मृतक के भाई ने उसके दो दोस्तों नीरज यादव और कृष्ण पाठक पर हत्या का केस दर्ज करवा दिया। एसआइ सुमित शर्मा को जांच की कमान सौंपी गई। 48 घंटे के भीतर कृष्ण यादव को गिरफ्तार कर लिया गया।
खुलासा हुआ कि इनके साथ ही रहने वाले नीरज पाठक का सुमित से बेगुसराय में लिए गए रुपये को लेकर विवाद शुरू हो गया था जिसके बाद उसे तीन तल्ले से धक्का देकर दोनों फरार हो गए थे। जांच अधिकारी हालात को भांपकर खूनी नीरज पाठक को भागने का मौका दिए बगैर अपने सहयोगी एसआइ पीयूष दे को लेकर बिहार के बेगुसराय रवाना हो गए। वहां गुप्त ठिकाने पर छिपकर बैठे नीरज को तुरंत गिरफ्तार कर 15 जुलाई को ही उसे लेकर कोलकाता आ गए। इस तरह से केवल एक सप्ताह में ही पुलिस ने हत्या की पूरी गुत्थी सुलझा ली है।