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छिटपुट हिंसा के बीच पहाड़ में आठवें दिन भी ठप रहा जनजीवन

छिटपुट हिंसा के बीच पहाड़ में आठवें दिन भी सामान्य जनजीवन ठप रहा। दुकान-बाजार, स्कूल-कालेज, कार्यालय सब बंद रहे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 01:22 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 05:35 PM (IST)
छिटपुट हिंसा के बीच पहाड़ में आठवें दिन भी ठप रहा जनजीवन
छिटपुट हिंसा के बीच पहाड़ में आठवें दिन भी ठप रहा जनजीवन

दार्जिलिंग, [जेएनएन] । दार्जिलिंग में बंद का आज 12वां दिन है। बंद के दौरान हो रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर पहाड़ों पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने दार्जिलिंग के बोर्डिंग स्कूलों से छात्रों को हटाने के लिए आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे तक का समय दिया है।

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जीजेएम ने पहाड़ों के विभिन्न आवासीय विद्यालयों को आज 12 घंटे के अंदर खाली करने का निर्देश दिया है, ताकि छात्रों को कोई खतरा न हो। शनिवार को जीजेएम कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष की कई घटनाएं हुई थीं। जिसके बाद से पहाड़ों पर यातायात और इंटरनेट सेवा बंद है।

गौरतलब है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में बंगाली भाषा को अनिवार्य बनाए जाने के ममता बनर्जी सरकार के फैसले के खिलाफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। प्रदर्शनकारी अलग गोरखालैंड राज्य की भी मांग कर रहे हैं। दार्जिलिंग में हो रही हिंसक झड़पों के दौरान आगजनी और एक व्यक्ति की मौत के मामले में संलिप्तता के आरोप में गुरुवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख विमल गुरूंग और उनकी पत्नी आशा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया। इसके साथ ही जीजेएम नेता आज गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन से इस्तीफा देंगे।

सर्वदलीय बैठक में शरीक नहीं हुई पहाड़ का कोई भी दल 

पहाड़ पर गत शनिवार को हुई हिंसा को लेकर सिंगमारी थाने की पुलिस ने गुरुवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) सुप्रीमो बिमल गुरुंग, उनकी पत्नी आशा समेत 40 लोगों के खिलाफ हत्या, तोड़फोड़ व आगजनी का मामला दर्ज किया है। दूसरी तरफ गोजमुमो ने पलटवार करते हुए पुलिस पर फायरिंग कर उसके तीन समर्थकों की जान लेने का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआइ जांच की मांग की है।

गोजमुमो नेता विनय तमांग ने कहा-'गत शनिवार को पुलिस फायरिंग में हमारे तीन समर्थकों की मौत हुई है जबकि पुलिस हमारे ही खिलाफ मामले दर्ज कर रही है। राज्य प्रशासन और पुलिस के खिलाफ हत्या एवं मानवाधिकार उल्लंघन के मामले दर्ज किए जाने चाहिए।'

गौरतलब है कि हिंसक वारदात में कथित तौर पर तीन लोगों की मौत के अलावा 35 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए थे। इस बीच छिटपुट हिंसा के बीच पहाड़ में आठवें दिन भी सामान्य जनजीवन ठप रहा। दुकान-बाजार, स्कूल-कालेज, कार्यालय सब बंद रहे। बंद के कारण पहाड़ पर एंबुलेंस सेवा भी प्रभावित हुई है। गुरुंग के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होने के विरोध में गोजमुमो समर्थकों ने चौकबाजार एवं पोखरिंग में जुलूस निकाला एवं कलिंपोंग में प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया।

इस बीच कलिंपोंग में एक तृणमूल नेता के घर पर तोड़फोड़ भी की गई। गोजमुमो ने गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) में शामिल अपने 45 सदस्यों को शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया है।

महज चार लोगों को लेकर करनी पड़ी सर्वदलीय बैठक 

दूसरी तरफ दार्जिलिंग मसले के समाधान के लिए राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को सिलीगुड़ी में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक महज चार लोगों को लेकर करनी पड़ी। बैठक में बसपा व राकांपा के अलावा किसी भी विरोधी राजनीतिक दल का कोई शामिल नहीं हुआ। उनके अलावा कामी बोर्ड के उपाध्यक्ष वाकिंग लामी छामी एवं माइनोरिटी बोर्ड के उपाध्यक्ष आरिफ खान बैठक में शामिल हुए।

गोजमुमो समेत पहाड़ की कोई भी पार्टी इसमें शरीक नहीं हुई। यहां तक कि सिलीगुड़ी में मौजूद होने के बावजूद दार्जिलिंग के लिए गठित 15 विकास बोर्ड के प्रतिनिधियों ने भी बैठक से किनारा किया। इसी तरह वामो, कांग्रेस व भाजपा भी बैठक से दूर रहीं। पहाड़ के गंभीर हालात को देखते हुए दार्जिलिंग के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक भी बैठक में भाग लेने नहीं आए।

बैठक में राज्य सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अरूप विश्वास एवं पर्यटन मंत्री गौतम देव के अलावा राज्य के गृह सचिव मलय दे एवं राज्य प्रशासन व पुलिस के पदाधिकारी शामिल थे। कुछ देर प्रतीक्षा करने के बाद महज चार लोगों को लेकर बैठक करनी पड़ी। 

पार्थ की सिक्किम के मुख्यमंत्री को हिदायत

बैठक के बाद पार्थ ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग द्वारा गोरखालैंड की मांग का समर्थन करने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्यों की सरकारों को जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।

पार्थ ने पुलिस फायरिंग में किसी की मौत से इन्कार करते हुए कहा कि गोजमुमो के हमले में ही एक व्यक्ति की जान गई है। इस बीच आइबी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजकर आशंका जताई है कि पहाड़ में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे जाने से वहां के हालात और बिगड़ सकते हैं।

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