छात्रों की भर्ती में मेधा को देने होगी प्राथमिकता: शिक्षा मंत्री
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: सभी उत्तीर्ण छात्रों के लिए भर्ती की व्यवस्था होगी, लेकिन मेधा सूची के आधार प
राज्य ब्यूरो, कोलकाता: सभी उत्तीर्ण छात्रों के लिए भर्ती की व्यवस्था होगी, लेकिन मेधा सूची के आधार पर अधिक अंक पानेवाले छात्रों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आनलाइन और साधारण प्रक्रिया से भी भर्ती की व्यवस्था की गई है। जहां आनलाइन से भर्ती की व्यवस्था होगी वहां छात्र उसी माध्यम से आवेदन करेंगे। जहां आनलाइन की व्यवस्था नहीं है वहां साधारण पद्धति से छात्र भर्ती के लिए आवेदन करेंगे। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सोमवार को विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में यह बातें कही। अधिक अंक पानेवाले छात्रों की वकालत करने के बावजूद शिक्षा मंत्री ने कहा कि कम नंबर पानेवाले छात्रों की भर्ती के लिए भी स्कूल प्रबंधन से बातचीत की जाएगी। किसी को हताश होने की जरूरत नहीं है। सभी उत्तीर्ण छात्रों की भर्ती की व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा। स्कूल प्रबंधन अपने यहां कम नंबर पानेवाले छात्रों के लिए कुछ सीटें आरक्षित रख सकते हैं। चटर्जी ने कहा कि राज्य में सर्वशिक्षा अभियान बंद नहीं हुआ है। हालांकि केंद्र ने इस मद में फंड में कटौती कर दी है। प्राथमिक स्कूलों में जहां उसका अपना भवन नहीं है वहां सरकार अपने खर्च से पक्का भवन तैयार करेगी।
उल्लेखनीय है कि 27 मई को माध्यमिक परीक्षा फल घोषित होने के बाद विभिन्न उच्च माध्यमिक स्कूलों में भर्ती को लेकर छात्रों की भीड़ जुटने लगी है। लेकिन आनलाइन प्रक्रिया शुरू होने पर मेधा सूची के अनुसार भर्ती की व्यवस्था होने से कम अंक पानेवाले छात्रों के लिए समस्या हो गई है। कई स्कूल तो कम अंक पानेवाले अपने छात्रों की भर्ती से इन्कार करने लगे हैं। इसे लेकर विभिन्न स्कूलों में छात्रों का विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है।
जेयू के बाद कल्याणी विवि में भी प्रो-वीसी की व्यवस्था
जादवपुर विश्वविद्यालय के बाद कल्याणी विश्वविद्यालय के लिए एक प्रो- कुलपति पद सृजित किया जाएगा। इस संबंध में सोमवार को विपक्ष की अनुपस्थिति में दि कल्याणी युनिवर्सिटी (एमेंडमेंट) बिल पारित किया गया। बहस में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने भाग लिया। बहस के जवाबी भाषण में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि कल्याणी विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्य में तेजी से विस्तार हो रहा है। कुलपति पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ते जा रहा है। इसलिए कार्य का बोझ कम करने के लिए कल्याणी विश्वविद्यालय में प्रो-कुलपति का पद सृजित करने की जरूरत महसूस की गई।