स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य करना राज्य का मसला : अनिल स्वरूप
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सभी स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य किए जाने पर प्
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सभी स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप ने मंगलवार को कहा कि यह राज्य के अधिकार क्षेत्र में है और इससे केंद्र का कुछ लेना-देना नहीं है। वह यहां एमसीसीआइ की ओर से आयोजित वार्ता सत्र में बोल रहे थे।
पत्रकारों से बातचीत में स्वरुप ने कहा कि यह राज्य का मसला है, संघीय ढांचे में केंद्र को इस पर कुछ कहने का औचित्य नहीं दिखाई देता। वे इस दिन राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के उस प्रस्ताव से संबंधित सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें, चटर्जी ने आइसीएसइ और सीबीएसइ समेत सभी स्कूलों में बांग्ला अनिवार्य करने की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में राज्य सरकार ने सीबीएसई को पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि एमबीबीएस, बीडीएस आदि में प्रवेश के लिए बांग्ला में जो प्रश्न पत्र आता है वह अंग्रेजी की तुलना में कठिन होता है। कहा गया है कि इससे बांग्ला उम्मीदवारों को काफी परेशानी होती है। इस पर सीबीएसइ बोर्ड विचार कर रहा है। वहीं इस मामले में भी स्वरुप ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
इससे इतर स्वरुप ने कहा कि बीएड से संबंधित प्रमाणपत्र में इन दिनों काफी धांधली देखी जा रही है। इस स्थिति में अभ्यार्थियों के बीएड से जुड़े प्रमाणपत्र की जांच की जाएगी। यदि जांच में प्रमाणपत्र फर्जी पाया जाता है तो अभ्यार्थी पर कार्रवाई करने के साथ संस्थान का लाइसेंस भी रद किया जाएगा।
समाप्त हो सकती है स्कूल सर्विस कमीशन परीक्षा प्रक्रिया
जागरण संवाददाता, कोलकाता : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरुप के एक बयान से अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में स्कूल सर्विस कमीशन परीक्षा प्रक्रिया को खत्म की जा सकती है। मंगलवार को स्वरुप ने कहा कि एमबीए में भर्ती के लिए कामन एडमीशन टेस्ट (कैट) परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा में पास करने वाले छात्र देश के मैनेजमेंट स्कूलों में भी दाखिला लेते हैं। इसी तर्ज पर अब केंद्र एसएससी को लेकर भी एक परीक्षा आयोजित करने पर मंथन कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में शिक्षक भर्ती को लेकर काफी विवाद रहा है। कभी परीक्षा आयोजित करने के लिए निर्धारित समय पर तो कभी परिणाम प्रकाशित करने को लेकर। ऐसे में यदि केंद्र सरकार इस तरह की व्यवस्था करती है तो राज्य सरकार को भी इसका फायदा मिलेगा।
स्वरुप का कहना है कि इस परीक्षा को आयोजित करने में राज्यों की कोई भूमिका नहीं रहेगी और इसे केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन प्राप्त बोर्ड आयोजित करेगा। वहीं स्वरुप ने इस दिन कक्षा 8वीं तक पास फेल की प्रक्रिया पुन: लागू करने की बात कही। केंद्र सरकार का प्रस्ताव है कि कक्षा 8वीं तक यदि कोई फेल करता है तो उसे फिर तीन महीने बाद परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। इस पर राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि केंद्र से इस तरह की कोई लिखित प्रस्ताव राज्य को नहीं मिली है।