बीसीआइएम इकोनॉमिक कॉरिडोर को मूर्त रूप देने की पहल
जागरण संवाददाता, कोलकाता : भारत-चीन-बांग्लादेश-म्यांमार इकोनॉमिक कॉरिडोर (बीसीआइएमईसी) को जल्द से ज
जागरण संवाददाता, कोलकाता : भारत-चीन-बांग्लादेश-म्यांमार इकोनॉमिक कॉरिडोर (बीसीआइएमईसी) को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने के लिए कोलकाता में परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसके उद्घाटन मौके पर गीतेश शर्मा ने कहा कि इन चारों देशों में बीच प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरिडोर की रूप-रेखा पर आम सहमति बनाने की जरूरत सबसे अधिक है। इन देशों के आंतरिक हालातों को ध्यान में रखते हुए इसे अंतिम रूप देने से आपसी संबंध टिकाऊ बनेंगे। नेशनल डेवलपमेंट ऑफ रिफार्म कमिशन ऑफ चाइना के वाइस चेयरमैन वांग जिआओटाओ ने कहा कि देशों के बीच व्यापार की आसानी के लिए अधिक से अधिक सड़कों का जुड़ाव होना जरूरी है। साथ ही एक दूसरे के बाजारों में बेरोकटोक पैठ व व्यापारिक रिश्तों की मजबूती सुनिश्चित करनी होगी। इससे इन देशों के रिश्तों को नए आयाम मिलेंगे। बांग्लादेश के श्रीलंका में उच्चायुक्त मोहम्मद रिआज हमिदुल्ला ने भी इन देशों के बीच आवागमन संबंधित जुड़ाव को मजबूत करने पर बल दिया। म्यांमार के निर्माण मंत्रालय के अभियंता यू विन ल्वीन ने इस कॉरिडोर के लिए म्यांमार की प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान बांग्लादेश में भारत के पूर्व उच्चायुक्त रजीत मित्तर ने इसके लिए गठित ज्वाइंट स्टडी ग्रुप के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि इस कॉरिडोर की सफलता के लिए इसमें शामिल लोगों ने जो कोशिशें की हैं, वे मिल का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि इन देशों के बीच मजबूत रिश्ते भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को सफल करने में मददगार साबित होंगे।
उल्लेखनीय है कि इस कॉरिडोर के लिए वर्ष 2013 में चीन में बैठक के दौरान चारों देशों के प्रतिनिधियों में सहमति बनी थी। इसके लिए एक ज्वाइंट स्टडी ग्रुप बनाया गया था जिसकी रिपोर्ट पर कॉरिडोर की रूप-रेखा तय होनी है।