हथियारों के साथ कोयला माफिया समेत सात गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गोपनीय सूचना के आधार पर स
जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गोपनीय सूचना के आधार पर सोमवार रात छापामारी कर विधान सरणी से गुजर रही एक कार से एक कोयला माफिया समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ के आधार पर मंगलवार तड़के न्यू टाउन के पंचवटी काम्प्लेक्स स्थित जमुनेत्री अपार्टमेंट से दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से सात आग्नेयास्त्र एवं 33 लाख की नकदी बरामद हुए हैं। गिरफ्तार लोगों में मनीष शर्मा उर्फ मनीष जोशी नामक भाजपा नेता भी शामिल है। मंगलवार को सभी को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 9 दिसंबर तक एसटीएफ की हिरासत में भेज दिया गया। इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने पार्टी नेता की गिरफ्तारी पर कहा कि भाजपा ऐसे किसी भी नेता से कोई संबंध नहीं रखेगी। उन्हें खुद पर लगे कलंक को मिटाकर पार्टी में आना होगा। एसटीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सातों हथियार बेचने के इरादे से आये थे। एसटीएफ को इसकी भनक लग गई थी। उसने सुनियोजित तरीके से कार्रवाई कर सोमवार रात विधान सरणी से एक इनोवा कार से पांच लोगों को धर दबोचा। इनमें राजेश झा, सायन मजुमदार, लोकेश सिंह, मनीष शर्मा उर्फ मनीष जोशी एवं कृष्ण मुरारी कयाल शामिल हैं। उनसे पूछताछ के आधार पर न्यूटाउन से पार्थ चटर्जी एवं शुभम भौमिक को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से कुल सात आग्नेयास्त्र, चार मोबाइल, 89 जिंदा कारतूस, 33 लाख नकद (31 लाख के नये व दो लाख के पुराने नोट) एवं कुछ कागजात बरामद हुए हैं। राजेश झा बंगाल के कोयलांचल का माफिया डॉन है। आसनसोल, रानीगंज एवं दुर्गापुर में उसका धंधा चलता है। वर्ष 2011 में भी उसे गिरफ्तार किया गया था लेकिन वह जमानत पर छूटकर फिर से इसमें लग गया था। राजेश झा को आसनसोल-दुर्गापुर कमिश्नरेट की पुलिस तलाश रही थी। गिरफ्तार सभी से पूछताछ के बाद आसनसोल दुर्गापुर कमिश्नरेट के हवाले कर दिया जायेगा। वहीं मनीष शर्मा ने रानीगंज विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था। बरामद नोट में 2000 के नोट में 31 लाख मिले हैं। बाकी दो लाख रुपये 100 व 50 रुपये के हैं। उनके पास इतनी बड़ी तादाद में नये नोट कहां से आए, एसटीएफ इसकी भी जांच में जुटी है। एसटीएफ का प्राथमिक अनुमान है कि वे गिरफ्तारी से पहले महानगर में कोई बड़ा सौदा कर चुके हैं, जिसकी एवज में उन्हें 33 लाख की रकम मिली थी। एसटीएफ को पता चला है कि लोकेश एवं पार्थ दुर्गापुर के फरीदपुर में हुए एक हत्या के मामले में आरोपी हैं।