बाघ की पिटाई कर बेटो-बहुओं ने बचाई वृद्ध की जान
जागरण संवाददाता, कोलकाता : दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतली में बेटों और बहुओं की बहादूरी ने बाघ के जब
जागरण संवाददाता, कोलकाता : दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतली में बेटों और बहुओं की बहादूरी ने बाघ के जबड़े में फंसे वृद्ध व्यक्ति की जान बचा ली। हालांकि उनके पहुंचने से पहले बाघ द्वारा किये हमले के चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका नाम गुरुपद भुईयां (67) है। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जानकारी के मुताबिक गुरुपद भुईयां कुतलती थानांतर्गत किशोरी मोहनपुर गांव में पत्नी, दो बेटों और बहुओं के साथ रहते हैं। इन लोगों का मुख्य पेशा मछली व केकड़ा पकड़ना और बाजारों में बेचना है। गत सोमवार को गुरुपद दोनों बेटों-बहुओं और पत्नी के साथ गांव से कुछ दूर स्थित ठाकुरानी नदी की ओर केकड़ा पकड़ने गये थे। सभी लोग नाव पर सवार थे। गुरुपद को अचानक शौच लग गया। वह नदी के एक किनारे झाड़ियों की ओट में शौच करने बैठ गये। तभी घनी झाड़ियों से निकल कर एक रॉयल बंगाल टाइगर ने गुरुपद पर हमला कर दिया। बाघ ने सबसे पहले गुरुपद के बाएं हाथ को अपने जबड़ों में दबोच लिया। वह मदद के लिए चीखने चिल्लाने लगे। किसी तरह बाएं हाथ छुड़ाते ही बाघ ने दाहिने हाथ को दबोच लिया। उधर, पिता के चीखने की आवाज सुन कर पास ही मौजूद दोनों बेटे उनकी पत्नियां और मां गुरुपद को बचाने दौड़ पड़े। बाघ से भयभीत होकर अपनी जान बचाने के बजाय दोनों बेटे और बहुएं लाठी-डंडा से बाघ पर ताबड़तोड़ प्रहार करने लगे। अचानक हमले से बाघ भी घबड़ा गया। कुछ देर तक डंडे की मार सह कर शिकार को लेकर भागने की कोशिश करता रहा, लेकिन डंडों की मार जब असहनीय हो गई, तो वह शिकार छोड़ कर वापस झाड़ियों की ओर भाग खड़ा हुआ। इसके बाद गुरुपद को उनके बेटे अस्पताल ले गये, जहां हालत गंभीर बनी हुई है।