जंगीपुर नगरपालिका पर तृणमूल का कब्जा
जागरण संवाददाता, कोलकाता : सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से विरोधी दलों को चोट पहुंचाने का सिलसिला
जागरण संवाददाता, कोलकाता : सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की ओर से विरोधी दलों को चोट पहुंचाने का सिलसिला जारी है। विपक्षी माकपा और कांग्रेस के नेता टूटकर तृणमूल में शामिल हो रहे हैं। महज तीन दिनों के भीतर विपक्षी दलों के हाथों से दो नगरपालिकाएं निकल चुकी हैं और उनपर तृणमूल का कब्जा हो गया है। तृणमूल ने पहले कालियागंज पालिका के बोर्ड पर कब्जा किया और अब जंगीपुर पालिका पर भी उसका कब्जा हो गया है। शनिवार को जंगीपुर पालिका के चेयरमैन समेत 12 पार्षद तृणमूल में शामिल हो गए। दल छोड़कर तृणमूल में शामिल होने वाले पार्षदों में सात पार्षद वाममोर्चा के, कांग्रेस के 4 और भाजपा का एक पार्षद शामिल है। जंगीपुर नपा में कुल 21 सीटें हैं। खास बात यह है कि जंगीपुर नपा पर वाममोर्चा का लंबे समय से कब्जा रहा है जबकि यहां तृणमूल का एक भी निर्वाचित पार्षद नहीं था। वहीं 12 पार्षदों के शामिल होने के बाद नपा पर तृणमूल का कब्जा हो गया है। इन सभी को पार्टी कार्यालय तृणमूल भवन में युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष और ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पार्टी का झंडा थमाया। इस मौके पर अभिषेक ने कहा कि जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे विपक्ष में टूट का सिलसिला बढ़ रहा है। कांग्रेस-माकपा के दिन अब लद गए हैं और उनके जनसमर्थन में समय के साथ गिरावट दर्ज की जा रही है और यह आगे भी जारी रहेगा। बनर्जी ने कहा कि लोग अब यह समझ गए हैं कि ममता बनर्जी जननेत्री हैं और उनका लक्ष्य राज्य के विकास के साथ जनता के हित का ध्यान रखना है। उपार्टी पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव में भी अपना परचम लहराएगी।
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही शहीद दिवस रैली के दिन कांग्रेस और माकपा के दो विधायकों ने तृणमूल का दामन थाम लिया था। इसी दिन तृणमूल ने कालियागंज पालिका के बोर्ड पर कब्जा कर लिया था। उधर खड़गपुर नगरपालिका के विरोधी नेता सहित पांच कांग्रेस पार्षद तृणमूल में शामिल हुए थे। इतना ही नहीं, इसी दिन पुरुलिया नगरपालिका के दो पार्षद भी तृणमूल में शामिल हुए थे।
तृणमूल पर बिफरे विपक्षी
विपक्षी कांग्रेस और माकपा ने तृणमूल पर फूट डालने की राजनीति करने का आरोप लगाया है। जंगीपुर नपा हाथ से निकलने पर माकपा की ओर से विधायक सुजन चक्रवर्ती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि तृणमूल आज जो राजनीति कर रही है, उसके अनुसार या तो विपक्षी नेताओं को तृणमूल में शामिल होना होगा या फिर उन्हें जेल भेजे जाने की धमकी दी जा रही है। चक्रवर्ती ने कहा कि इस तरह का राजनीति करना खतरनाक है और यह स्थायी नहीं रहता। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्षदों को तृणमूल लालच दे रही है। उन्होंने कहा कि जंगीपुर के पार्षदों को पार्टी बदलने की एवज में उनके परिवार के एक सदस्यं को नौकरी देने का लालच दिया गया। अधीर ने कहा कि 21 जुलाई को जो नेता तृणमूल में शामिल हुए, उन्हें पुलिस की निगरानी में तृणमूल के आदेश पर लाया गया था।